अब गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए जेएनयू, दिल्ली यूनिवर्सिटी, बीएचयू, नेशनल लॉ कॉलेज सरीखे संस्थानों में उत्तीर्ण होने का फार्मूला लागू होगा। जिसके तहत प्रत्येक प्रोग्राम का 50 प्रतिशत और प्रत्येक कोर्स में 40 फीसदी पाना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि, शिक्षा संकाय, कृषि और इंजीनियरिंग में लागू करने का निर्णय लिया है।
कुलपति प्रो. राजेश सिंह की मौजूदगी में सोमवार को प्रशासनिक भवन में हुई परीक्षा समिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। समिति के निर्णय के मुताबिक 10 सीजीपीए स्केल पर ग्रेडिंग होगी। 71-80 फीसदी वाले को ए ग्रेड, 80-90 प्रतिशत को ए प्लस और 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने वाले को ओ ग्रेड दिया जाएगा। ग्रेडिंग सिस्टम को और बेहतर बनाने का विकल्प दूसरे सेमेस्टर के लिए खुला रहेगा।
इस सेमेस्टर में संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष से मिलने वाले सुझावों को शामिल करते हुए विद्यार्थी को ग्रेड प्रदान किया जाएगा। कुलपति प्रो राजेश सिंह ने कहा कि सीबीसीएस पैर्टन में ग्रेडिंग सिस्टम को लागू करना ही चुनौतीपूर्ण है। सभी संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों ने ख्यातिलब्ध संस्थानों केे ग्रेडिंग सिस्टम का अध्ययन कर अपने अपने संकाय का प्रस्ताव दिया है।
मूल्यांकन के लिए बनेगा शिक्षकों का डेटाबेस
बैठक में मूल्यांकन प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का डाटाबेस तैयार कर वेबसाइट पर उपलब्ध कराने पर सहमति बनी। तय हुआ कि उसी डाटा के हिसाब से कॉपियों का मूल्यांकन कराया जाएगा। इससे परीक्षा विभाग को पता रहेगा कि किस विषय में कितने शिक्षक मौजूद हैं, उसी हिसाब से शिक्षकों को बुलाया जाएगा। अभी तक विश्वविद्यालय के पास महाविद्यालयों के शिक्षकों का डेटा नहीं है।
20 मई से यूजी, पीजी द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं
परीक्षा समिति ने स्नातक और स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाओं का आयोजन 20 मई से कराने का निर्णय लिया है। कुलपति ने इसे लेकर तैयारी पूरी करने का निर्देश दिया है।