जम्मू के पुंछ स्थित मेंढर में गोली लगने से हुई सेना के जवान की मौत के बाद सोमवार को रानीखेत स्थित मुक्तिधाम में सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
जम्मू के पुंछ स्थित मेंढर में गोली लगने से हुई सेना के जवान की मौत के बाद सोमवार को रानीखेत स्थित मुक्तिधाम में सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। शनिवार को गोली लगने से 18 कुमाऊं रेजिमेंट केंद्र में तैनात कफड़ा निवासी मनीष बिष्ट (24) की मौत हो गई थी।
सोमवार की सुबह सेना के वाहन से मनीष का शव रानीखेत पहुंचा। शव को मृतक के खनिया स्थित घर ले जाया गया। शव घर पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया। सैनिक के अंतिम दर्शन के लिए घर पर ग्रामीणों का तांता लग गया। माता हेमा बिष्ट व बहन सोनिया सहित परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। सेना के जवान शव को वाहन से मुक्तिधाम ले गए, जहां सैन्य टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी। वहीं, अधिकारियों ने पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए। शव लेकर आए अधिकारी ने तिरंगे को भाई दीपक बिष्ट को सौंपा। दीपक ने सैनिक की चिता को मुखाग्नि दी।
वहां पर नायब तहसीलदार हेमंत सिंह महरा, कोतवाल रानीखेत अशोक धनखड़, एलआईयू प्रभारी कैलाश रावत, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल विजय मनराल, एसबीआई रानीखेत के मैनेजर कुलवीर सिंह, दर्शन बिष्ट आदि थे।
मनीष के बड़े भाई दीपक ने बताया कि मनीष एक महीने की छुट्टी काटकर ड्यूटी पर गए थे। उन्होंने बताया कि मनीष कोरोनाकाल के दौरान कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती हुआ था। वह पुंछ में कराटे भी सिखाता था और मिलनसार था। उसे मंदिर जाना बहुत अच्छा लगता था। जब भी वह छुट्टी आता था तो लगभग सभी मंदिरों में दर्शन करने जाता था।