प्रदेश में 603 प्राथमिक और 76 उच्च प्राथमिक विद्यालय उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित होंगे, 13,691 छात्र-छात्राओं को मिलेगा सौ रुपये प्रतिदिन
प्रदेश सरकार ने विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और छात्रों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित कुल 603 प्राथमिक विद्यालय और 76 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को अब “उत्कृष्ट विद्यालय“ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन उत्कृष्ट विद्यालयों में निकटवर्ती क्षेत्रों के विभिन्न स्कूलों से आने वाले छात्र-छात्राओं को भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इस योजना के अंतर्गत कुल 13,691 छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे, जिन्हें हर दिन सौ रुपये प्रति छात्र की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता मुख्यतः छात्रों की परिवहन सुविधा के लिए दी जाएगी, जिससे वे अपने गंतव्य तक सुगमता से पहुंच सकें और नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण कर सकें।
इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा की महानिदेशक श्रीमती झरना कमठान ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एक आधिकारिक पत्र जारी किया है। पत्र में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले में चयनित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालयों के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। साथ ही, निकटवर्ती पांच किलोमीटर की परिधि में स्थित कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के छात्रों को इन उत्कृष्ट विद्यालयों में समाहित किया जाएगा, जिससे उन्हें बेहतर शैक्षणिक माहौल और सुविधाएं मिल सकें।
श्रीमती कमठान ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि इन उत्कृष्ट विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम्स की स्थापना की जाएगी, जिससे छात्रों को डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, विद्यालयों में पुस्तकालयों की स्थापना की जाएगी ताकि छात्रों को पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त अध्ययन सामग्री उपलब्ध हो सके। खेल के महत्व को ध्यान में रखते हुए विद्यालय परिसर में खेल मैदान भी विकसित किया जाएगा। साथ ही, यदि आवश्यकता होगी तो अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण किया जाएगा और छात्रों के लिए बालवाटिका जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
शिक्षा महानिदेशक ने यह भी बताया कि प्रत्येक जिले में एक 11 सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी (डीएम) करेंगे। इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष होंगे और मुख्य शिक्षा अधिकारी को सदस्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह समिति उन छात्र-छात्राओं की परिवहन व्यवस्था से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करेगी, जिन्हें अपने मूल विद्यालय से हटाकर उत्कृष्ट विद्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा।
श्रीमती झरना कमठान ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित करें और यह सुनिश्चित करें कि उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना प्रक्रिया बिना किसी बाधा के सुचारु रूप से पूरी हो। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम है, जिससे हजारों छात्रों को लाभ मिलेगा और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
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