पहाड़ के इस सरकारी स्कूल के आगे शहरों के कॉन्वेंट स्कूल भी फेल, एडमिशन के लिए मारा मारी, हर परीक्षा में टॉप करते हैं छात्र

उत्तराखंड का ऐसा सरकारी स्कूल, जहां एडमिशन के लिए मची मारामारी, यह है विद्यालय की खासियत

बागेश्वर के कपकोट में सरकारी स्कूल में वहां के प्रधानाचार्य ने अथक प्रयास कर प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है। पहले यहां पर बच्चों की संख्या लगभग 30 थी। वर्तमान में 284 हो गई है। तीन सेक्शन में कक्षाएं संचालित होती हैं।सरकारी स्कूलों में छात्र पढ़ने नहीं आ रहे हैं। उत्तराखंड में कई स्कूल बंद भी हो गए हैं। जिसके कारण गांवों से पलायन हो रहा है। पर उत्तराखंड के बागेश्वर में एक ऐसा सरकारी स्कूल भी है, जहां पर प्रवेश के लिए मारामारी मची हुई है। यहां पर प्रवेश पाने के लिए अभिभावकों की लंबी लाइन लगी है।
कपकोट के इस विद्यालय में कक्षा एक के लिए एडमिशन हो रहे हैं। तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने अभी तक पंजीकरण कराया है। फिलहाल 50 बच्चों को का चयन होना है। यहां पर प्रवेश के लिए अभिभावक और बच्चे को प्रवेश परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है।कपकोट चाहे विकास के मायनों में अभी भी पिछड़ा हुआ है। यहां के कुछ गांवों में संचार सुविधा अभी नहीं है। लेकिन शिक्षा के मायने में अभिभावक अब पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं। जबकि यहां एक दर्जन से अधिक प्राइवेट स्कूल हैं।
बावजूद राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चे के दाखिले के लिए अभिभावक सुबह नौ से शाम पांच बजे तक चटक धूप में लाइन पर खड़े रहने को मजबूर हैं। उन्हें यह भी मालूम नहीं है कि उनके बच्चे का एडमिशन होगा या नहीं।कब बना आदर्श विद्यालय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *