सूर्यधार झील जैसी गलती ना हो दुबारा , मंत्री सतपाल महाराज का सख्त आदेश

उत्तराखंड सिंचाई एवं लघु सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई विभागीय समीक्षा बैठक की जहा उन्होंने कहा कि एक ओर हम बाढ़ सुरक्षा कार्यों के बारे में बात करते हैं और उसके लिए कार्य भी करते हैं जबकि वहीं दूसरी ओर मानक और तकनीकी के विपरीत कार्य करते हैं। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा की
दुर्भाग्यपूर्ण है कि सूर्यधार झील को 7 से 10 मीटर बिना परमिशन के बढ़ा दिया गया। इससे पता चलता है कि हमारी कोई कार्य संस्कृति ही नहीं है। हम जो चाहे बिना परमिशन के करते रहें। शर्म की बात है कि इतनी तकनीकी और ज्ञान रखने के बावजूद कहीं की स्कीम को कहीं फिट कर दिया गया। इस तरह के गलत कार्यों के लिए किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
साथ ही उन्होंने सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग में रिक्त पदों को तत्काल भरने का आदेश देते हुए कहा की विगत वर्षों में किए गए कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के साथ-साथ केंद्र पोषित योजनाओं, राज्य सेक्टर की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। आगामी प्रस्तावित कार्य योजना और विभाग में स्वीकृत एवं कार्यरत खाली पदों की जानकारी के साथ-साथ विभागीय समस्याओं एवं सुझाव को भी सुना और कहा की चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है सभी अधिकारी, कर्मचारी मन लगाकर काम करें, जो सही काम करेगा उसे सम्मान मिलेगा। हमें संकल्प लेना है कि यात्रा को सफल बनाना है और बरसात से पूर्व सभी कार्यों को पूर्ण करना है।

उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी पंचायत प्रतिनिधियों को भी कार्यों से संबंधित जानकारी देते रहें। महिला मंगल एवं युवक मंगल दलों को काम दिया जाए। समय समय पर प्रदेश के सभी जलाशयों की मॉनिटरिंग की जाए और गंगा एवं भागीरथी सहित अन्य नदियों के बढ़ते लेवल को ठीक किया जाए।

बैठक के दौरान सिंचाई मंत्री ने टीएचडीसी के अधिकारियों को दूरभाष पर वार्ता कर टिहरी झील के किनारे तार बाड़ करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने टिहरी बांध प्रभावित 415 विस्थापितों के पुनर्वास के लिए धनराशि वितरण का कार्य शीघ्र किया जाएगा। बैठक मे सिंचाई विभाग के विभागाध्यक्ष मुकेश मोहन, लघु सिंचाई के विभागाध्यक्ष बृजेश तिवारी, संयुक्त सचिव जीएल शर्मा, अपर सचिव यूएन पांडे सहित सभी जिलों के अधिकारी उपस्थित थे।

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