” क्या पहाड़ के युवाओं की उपेक्षा नए जनसंघर्ष को जन्म देगी ? “

डॉ योगेश धस्माना

धाकड़ धामी की जीरो टॉलरेंस सरकार आज दिन तक अंकिता भंडारी हत्याकांड के दोषियों को पकड़ने में नाकाम रही है। दूसरी ओर जोशीमठ आपदा के प्रभावितों को बसाने को कोई अंतिम निर्णय नहीं ले सकी है और अब , बेरोजगार युवाओं को उनकें हक को दिलाने में असमर्थ रही है । बदले में मित्र पुलिस द्वारा उनपर अमानवीय लाठीचार्ज किया जाना बहुत दुखद है । सरकार को ध्यान रखना होगा कि राज्य में बढ़ती नौकर शाही का सरकार पर बढ़ता शिकंजा और राजनेताओं द्वारा भूमाफियों को पनाहा देना राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को जन्म देगा । यदि सरकार बेरोजगारों के साथ इसी तरह का व्यवहार करती रही और राज्य के संसाधन इसी तरह लुटते रहे तो युवा कभी भी गलत रास्ते पर भटक सकते हैं । धाकड़ धामी का दावा की उन्होंने अब तक पेपर लीक कांड में साठ लोगों के ख़िलाफ़ कारवाही की है , किंतु जनता ये पूछना चाहती है कि हाकम सिंह को पैदा करने वाले भाजपा के नेता और नौकरशाहों के खिलाफ कब कारवाही की जाएगी । देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते मावोवाद की घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार विकास के लिए कोई रोल मॉडल तैयार नहीं करती है तो सीमांत उत्तराखंड में इसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों समान रूप से जिम्मेदार है ।

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