बीकेटीसी के नए नेतृत्व ने किया कार्यभार ग्रहण
‘थ्री “पी” अर्थात पौराणिकता, परंपरा एवं पहचान पर फोकस रहेगा’
देहरादून। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के नवनियुक्त अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी एवं उपाध्यक्ष विजय कपरवाण ने देहरादून स्थित मंदिर समिति कार्यालय में विधिवत रूप से अपना कार्यभार ग्रहण किया। जबकि समिति के एक अन्य उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती आगामी 12 मई को जोशीमठ स्थित कार्यालय में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। इस अवसर पर बीकेटीसी कार्यालय परिसर में हवन-यज्ञ एवं पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार विधिवत अनुष्ठान सम्पन्न हुआ।
इस शुभ अवसर पर बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल भी उपस्थित रहे और उन्होंने हवन एवं पूजा-अर्चना में सम्मिलित होकर ईश्वर से नई जिम्मेदारियों के सफल निर्वहन के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के दौरान संपूर्ण वातावरण धार्मिक एवं आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा। समस्त आयोजन श्रद्धा एवं भक्ति भाव से सम्पन्न हुआ, जिसमें बीकेटीसी के अधिकारी, कर्मचारी एवं आमंत्रित गणमान्य अतिथियों ने सहभागिता की।
कार्यभार ग्रहण करने के बाद बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उन्हें देवभूमि उत्तराखंड के अत्यंत महत्वपूर्ण पद — बीकेटीसी अध्यक्ष — के रूप में सेवा का अवसर मिला है, यह उनके लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन एवं तीर्थाटन का सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित प्रबंधन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि चारधाम यात्रा को सुविधाजनक, सुरक्षित एवं श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक अनुभव से भरपूर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और विजन के अनुरूप उत्तराखंड के चारधामों के कपाट खुलने के ऐतिहासिक अवसर पर स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति यह दर्शाती है कि प्रदेश सरकार तीर्थाटन को लेकर अत्यंत संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए ‘सुगम और सुरक्षित यात्रा’ का जो संदेश दिया है, वह सराहनीय है और इसी सोच को मंदिर समिति धरातल पर उतारने हेतु कार्यरत है।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने अपने संबोधन में ‘थ्री पी’ — अर्थात पौराणिकता, परंपरा एवं पहचान (Pauranikta, Parampara evam Pehchaan) — की अवधारणा पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे तीर्थस्थल केवल धार्मिक स्थलों के रूप में ही नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र के रूप में भी जाने जाते हैं। इन स्थलों की पौराणिक महत्ता हमारे सांस्कृतिक इतिहास की गहराईयों से जुड़ी हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि इन स्थलों की परंपराएं, हमारी संस्कृति की मूल आत्मा हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं और आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाई जा रही हैं। साथ ही, यह तीर्थस्थल हमारी पहचान हैं — न केवल उत्तराखंड की, बल्कि पूरे भारतवर्ष की। यही हमारी विरासत है जिसे संजोना और अगली पीढ़ियों तक सुरक्षित पहुंचाना हमारा दायित्व है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि श्री बदरीनाथ धाम एवं श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के उपरांत तीर्थयात्रा का संचालन पूरी तरह से सुचारू एवं व्यवस्थित ढंग से किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिरों में दर्शन को सरल एवं सुविधाजनक बनाया गया है। सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, परिवहन, संचार, मौसम संबंधित सूचनाएं एवं आपदा प्रबंधन संबंधी सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ की गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर समिति तथा जिला एवं पुलिस प्रशासन के परस्पर सहयोग एवं तालमेल से तीर्थयात्रा सुव्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रही है।
इस अवसर पर बीकेटीसी पदाधिकारियों के कार्यभार ग्रहण कार्यक्रम में अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही। इनमें प्रमुख रूप से पूर्व विधायक श्री राजीव शुक्ला, मुख्यमंत्री के चारधाम यात्रा सलाहकार डॉ. बी.डी. सिंह, पूर्व दायित्वधारी श्री मजहर नईम नवाब, श्री बदरीनाथ धाम के पूर्व रावल श्री ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, श्री श्रेयांस द्विवेदी, श्री अजय जी, बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी श्री विपिन तिवारी, निजी सचिव श्री प्रमोद नौटियाल, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़, पुजारी श्री वीरेंद्र सेमवाल सहित बड़ी संख्या में मंदिर समिति के कर्मचारी, अधिकारीगण तथा पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके सफल कार्यकाल की कामना की।
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