दुर्लभ वन्य जीवों की उपस्थिति से गुलजार हुआ गंगोत्री नेशनल पार्क

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उत्तरकाशी गंगोत्री नेशनल पार्क में दुर्लभ वन्य जीवों की तस्वीरें कैद, जैव विविधता को लेकर वन विभाग उत्साहित

उत्तरकाशी जनपद में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क से इस वर्ष एक उत्साहजनक और रोमांचकारी खबर सामने आई है। वन विभाग द्वारा पार्क क्षेत्र में लगाए गए ट्रैप कैमरों में दुर्लभ और विलुप्तप्राय वन्य जीवों की तस्वीरें कैद हुई हैं, जिनमें हिम तेंदुआ (स्नो लेपर्ड) और भूरा भालू जैसे महत्वपूर्ण प्रजातियाँ शामिल हैं। इन कैमरों में पहली बार इन वन्य जीवों को एक साथ जोड़े में और झुंड के रूप में विचरण करते हुए देखा गया है

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गौरतलब है कि स्नो लेपर्ड जैसे दुर्लभ प्राणी अत्यंत संवेदनशील और एकांतप्रिय होते हैं, और इनका किसी क्षेत्र में दिखना उस स्थान के पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता की समृद्धि का संकेत माना जाता है। इसी तरह भूरा भालू, जो कि ऊँचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाता है, की मौजूदगी भी इस बात का प्रमाण है कि पार्क क्षेत्र में पारिस्थितिकी तंत्र पूरी तरह संतुलित और संरक्षित है।

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कैमरों में इन वन्य जीवों की उपस्थिति दर्ज होना एक सुखद संकेत है। यह तस्वीरें गंगोत्री नेशनल पार्क की जैविक विविधता और वन्य जीवों के लिए सुरक्षित वातावरण को दर्शाती हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पार्क प्रशासन द्वारा वर्षों से की जा रही वन संरक्षण, निगरानी और पर्यावरणीय प्रबंधन की योजनाएँ सफल हो रही हैं।

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पार्क प्रशासन इस उपलब्धि से बेहद उत्साहित है और अब इस आधार पर भविष्य की रणनीतियाँ और भी अधिक सुदृढ़ बनाने की योजना पर कार्य कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की तस्वीरें न केवल पर्यावरणीय संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये आम जनमानस में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता और संरक्षण की भावना भी जागृत करती हैं।

गंगोत्री नेशनल पार्क न केवल उत्तराखंड राज्य का, बल्कि पूरे देश का एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक धरोहर स्थल है, जो अनेक दुर्लभ वन्य जीवों, औषधीय वनस्पतियों और जैव विविधता से परिपूर्ण है। यहां इस प्रकार के वन्य जीवों की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि यह क्षेत्र भविष्य में भी वन्यजीव प्रेमियों, शोधकर्ताओं और पर्यावरणविदों के लिए अध्ययन का केन्द्र बना रहेगा

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