देहरादून में तीन ऑटोमेटेड पार्किंग तैयार, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पार्किंग समस्या का मिलेगा स्थायी समाधान
देहरादून। राजधानी देहरादून की ट्रैफिक और पार्किंग समस्या को दूर करने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत तीन स्थानों—कोरोनेशन अस्पताल, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड—पर अत्याधुनिक ऑटोमेटेड मैकेनिकल पार्किंग सिस्टम का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। ये पार्किंग स्पॉट न केवल आधुनिक तकनीक से लैस हैं, बल्कि कम स्थान में अधिक वाहनों को सुव्यवस्थित रूप से पार्क करने की सुविधा प्रदान करेंगे। आने वाले दिनों में इन पार्किंग यूनिट्स का लोकार्पण मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा, जिसके बाद इन्हें आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।
कोरोनेशन अस्पताल में शुरू हुआ ट्रायल, डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को मिली राहत
कोरोनेशन अस्पताल में निर्मित ऑटोमेटेड पार्किंग सिस्टम को अस्पताल प्रबंधन को औपचारिक रूप से हैंडओवर कर दिया गया है। यहाँ डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों के वाहन अब स्वचालित प्रणाली से सुरक्षित रूप से पार्क हो रहे हैं। इससे न केवल अस्पताल परिसर की भीड़भाड़ कम हुई है बल्कि मरीजों और तीमारदारों को भी पार्किंग की बेहतर सुविधा मिलने लगी है। ग्राउंड पार्किंग की सतह पर अब अतिरिक्त वाहनों के लिए स्थान उपलब्ध हो गया है, जिससे आपातकालीन सेवाओं में तेजी लाने में भी मदद मिलेगी।
क्षमता और विशेषताएँ
इन तीनों पार्किंग यूनिट्स की सम्मिलित क्षमता 246 वाहनों की है। परेड ग्राउंड पार्किंग में 96 वाहन, तिब्बती मार्केट पार्किंग में 132 वाहन और कोरोनेशन अस्पताल पार्किंग में 18 वाहन पार्क किए जा सकते हैं। ये सभी यूनिट्स छोटे भू-भाग में निर्मित की गई हैं और जरूरत पड़ने पर इन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने की भी सुविधा है। यह सिस्टम पूरी तरह से मैकेनिकल है जिसमें वाहन को केवल प्लेटफॉर्म पर खड़ा करना होता है, उसके बाद शेष कार्य ऑटोमेटेड मशीनें करती हैं। इससे समय की बचत होती है और वाहन सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
सुरक्षा और संचालन के विशेष प्रबंध
इन पार्किंग सिस्टम्स के संचालन के लिए दो प्रशिक्षित तकनीकी ऑपरेटरों की तैनाती की गई है। इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि किसी भी तकनीकी समस्या के समय त्वरित कार्रवाई की जा सके। जिला योजना मद से इन ऑपरेटरों को बीमा कवर भी प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही पार्किंग के भीतर सीसीटीवी कैमरे और फायर सेफ्टी उपकरण भी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद बनी रहे।
शहरी क्षेत्रों के लिए आदर्श मॉडल
जिला प्रशासन का यह ऑटोमेटेड पार्किंग मॉडल अन्य शहरी क्षेत्रों में भी पार्किंग समस्या के समाधान का आदर्श बन सकता है। अधिकारियों का मानना है कि यदि यह मॉडल सफल रहा, तो शहर के अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी इसी तरह की स्वचालित पार्किंग यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। इससे यातायात व्यवस्था सुगम होगी और शहर की सुंदरता में भी वृद्धि होगी।
जनभागीदारी की अपील
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे पार्किंग के इस नए सिस्टम को अपनाएं और शहर को सुचारु यातायात व्यवस्था देने में सहयोग करें। पार्किंग के दौरान नियमों का पालन कर यातायात अवरोध न बनने दें।
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