एक माह में शिक्षा विभाग में भरेंगे 1556 पद, मंत्री ने तेज की भर्ती प्रक्रिया

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शिक्षा विभाग में 1556 पदों पर एक माह में होगी भर्ती, मंत्री ने दिए निर्देश

बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों पर चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में, आचार संहिता हटते ही मिलेगी तैनाती

देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य के शिक्षा विभाग में रिक्त चल रहे 1556 पदों को आउटसोर्स के माध्यम से भरने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने यह निर्देश सोमवार को अपने शासकीय आवास पर आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्कूलों में मानवीय संसाधनों की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है, और इसके लिए रिक्त पदों को शीघ्र भरना प्राथमिकता में शामिल है।

प्रयाग पोर्टल से होगी एजेंसी का चयन

बैठक के दौरान मंत्री ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के लिए ‘प्रयाग पोर्टल’ के माध्यम से आउटसोर्स एजेंसी का चयन कर लिया गया है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी, ताकि शिक्षण संस्थानों में किसी भी प्रकार की कार्यक्षमता की कमी न हो। एजेंसी चयनित होते ही उसे तय मापदंडों के आधार पर नियुक्तियों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

समग्र शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न संवर्गों के 1556 पद स्वीकृत

राज्य में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित “समग्र शिक्षा अभियान” के तहत कुल 1556 पदों पर नियुक्ति की जानी है। इनमें शामिल हैं:

  • 161 विशेष शिक्षक – विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा देने के लिए

  • 324 लेखाकार व सहायक कर्मचारी – विद्यालयों की वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने हेतु

  • 95 कॅरियर काउंसलर – छात्रों को भविष्य निर्माण में मार्गदर्शन देने के लिए

  • 18 पद विद्या समीक्षा केंद्र के लिए – शैक्षिक प्रगति का मूल्यांकन करने हेतु

  • 1-1 पद मनोविज्ञानी, आईसीटी मैनेजर व ट्रेनिंग मैनेजर – छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा और शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए
बीआरपी-सीआरपी पदों पर चयन अंतिम चरण में

शिक्षा मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (BRP) और क्लस्टर रिसोर्स पर्सन (CRP) के 955 पदों पर चयन प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। इन पदों के लिए राज्यभर से आवेदन आमंत्रित किए गए थे और कई दौर की मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची लगभग तैयार है।

चूंकि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2025 के दृष्टिगत आचार संहिता लागू थी, इसलिए तैनातियों पर अस्थायी रोक लगी थी। अब जैसे ही आचार संहिता हटेगी, चयनित युवाओं को उनके पदस्थापन आदेश जारी कर दिए जाएंगे। इस प्रक्रिया से शिक्षकों और शैक्षणिक सहयोगियों की भारी कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।

शिक्षा की गुणवत्ता को मिलेगा बल

डॉ. रावत ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल पद भरना नहीं, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में समग्र सुधार लाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक नियुक्त व्यक्ति को उनके कार्यक्षेत्र के अनुरूप प्रशिक्षण भी दिया जाए, ताकि वे छात्रों के सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकें।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा विभाग में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को और अधिक सशक्त किया जाएगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर निगरानी प्रणाली को भी और प्रभावी बनाया जा रहा है

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