केदारनाथ में बिना अनुमति पहुंचा हेलीकॉप्टर, यात्रियों की जान जोखिम में; यूकाडा ने लगाई रोक, शुरू हुई जांच
देहरादून/केदारनाथ। उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन में लगातार हो रहे नियम उल्लंघनों के बीच एक और गंभीर मामला सामने आया है। हेरिटेज एविएशन कंपनी का एक हेलीकॉप्टर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यू-काडा) की अनुमति रद्द होने के बावजूद यात्रियों को लेकर केदारनाथ धाम पहुंच गया। इस घटना ने प्रशासन और यात्रियों दोनों के बीच हड़कंप मचा दिया है। राज्य सरकार और यू-काडा ने इस मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए कंपनी के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है तथा उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
कैसे हुआ नियमों का उल्लंघन
सूत्रों के अनुसार, हेरिटेज एविएशन ने बीते सोमवार को देहरादून से केदारनाथ के लिए उड़ान भरने की अनुमति मांगी थी। यू-काडा ने कंपनी को दोपहर दो बजे की उड़ान के लिए सशर्त अनुमति दी थी। लेकिन इसी दौरान केदारनाथ क्षेत्र में मौसम तेजी से खराब हो गया, जिसके चलते यू-काडा ने एहतियात के तौर पर उड़ान की अनुमति को रद्द कर दिया।
यू-काडा की स्पष्ट सूचना और आदेश के बावजूद हेरिटेज एविएशन का हेलीकॉप्टर शाम करीब पांच बजे केदारनाथ के लिए उड़ान भरता है। हैरानी की बात यह रही कि हेलीपैड पर तैनात कर्मचारियों द्वारा उड़ान रोकने के प्रयासों को भी नजरअंदाज कर दिया गया। यह हेलीकॉप्टर यात्रियों सहित सीधा केदारनाथ पहुंच गया, जो कि एक बेहद जोखिम भरा कदम था।
हेलीकॉप्टर में कौन थे सवार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी समेत दो अन्य व्यक्ति सवार थे। बताया गया कि केदारनाथ में मौसम इतना खराब था कि हेलीकॉप्टर को वहीं रुकना पड़ा और यह अगले दिन यानी मंगलवार को ही वापस लौट सका।
यू-काडा की कड़ी प्रतिक्रिया, जांच के आदेश
घटना के सामने आते ही यू-काडा ने हेलीकॉप्टर कंपनी के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। यू-काडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय टोलिया ने बताया कि हेरिटेज एविएशन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, “जांच में जो भी व्यक्ति या संस्था नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
फिलहाल हेरिटेज एविएशन के हेलीकॉप्टर संचालन को यू–काडा द्वारा राज्य के सभी हेलीपैड से अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
हेलीकॉप्टर हादसों की बढ़ती घटनाएं: चेतावनी के बावजूद लापरवाही
गौरतलब है कि इस वर्ष उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें अब तक 5 हादसों में 13 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद हेली सेवा कंपनियों द्वारा नियमों की अनदेखी जारी है। इस तरह के मामलों से न सिर्फ यात्रियों की जान खतरे में पड़ रही है, बल्कि प्रशासन की छवि और राज्य की धार्मिक यात्रा प्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं।
क्या कहता है नियम और कानून?
हेलीकॉप्टर संचालन के लिए यूकाडा से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है, विशेषकर चारधाम यात्रा जैसे संवेदनशील और कठिन भूगोल वाले क्षेत्रों में। मौसम संबंधी चेतावनी को गंभीरता से लेना और उड़ान संचालन में पूर्ण सतर्कता बरतना हर हेली कंपनी की जिम्मेदारी है। इस मामले में न सिर्फ इन मानकों की अनदेखी हुई, बल्कि यह यात्रियों के जीवन को भी प्रत्यक्ष रूप से खतरे में डालने वाला कृत्य है।
क्या हो सकती है कार्रवाई?
यदि जांच में हेरिटेज एविएशन दोषी पाई जाती है, तो उस पर निम्न प्रकार की कार्रवाई संभव है:
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अस्थायी प्रतिबंध को स्थायी किया जा सकता है
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लाइसेंस निलंबन या निरस्तीकरण
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जुर्माना और कानूनी कार्यवाही
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आपराधिक लापरवाही की धाराओं में केस दर्ज
चारधाम यात्रा के दौरान हवाई सेवाएं एक बड़ी राहत हैं, लेकिन जब कंपनियां लापरवाही बरतने लगें, तो यह सुविधा जानलेवा बन जाती है। राज्य सरकार को चाहिए कि हेलीकॉप्टर संचालन के नियमों को और कड़ा बनाए और ऐसी घटनाओं पर त्वरित व कड़ी कार्रवाई करे ताकि भविष्य में कोई भी कंपनी यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ न कर सके।
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