आयुर्वेद विवि को 13.10 करोड़ की स्वीकृति

देखें आदेश, वित्तीय अनुशासन व नियमपालन के कड़े निर्देश

शासन ने दी धनराशि जारी करने की स्वीकृति

देहरादून। उत्तराखण्ड शासन के आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के लिए वेतन-भत्तों आदि के मद में ₹13.10 करोड़ (तेरह करोड़ दस लाख रुपये मात्र) की द्वितीय किस्त जारी कर दी है। अनु सचिव ज्योति सिंह द्वारा निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखण्ड को भेजे गए पत्र में यह धनराशि विश्वविद्यालय के वेतन मदों के अंतर्गत व्यय करने के निर्देश दिए गए हैं।

शासनादेश के अनुसार यह स्वीकृति वित्त विभाग की सहमति से प्रदान की गई है। साथ ही, शासन ने धनराशि के उपयोग को लेकर कई सख्त शर्तें भी लगाई हैं। इनमें विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार के गलत या अतिरिक्त वेतन निर्धारण की स्थिति में संबंधित अधिकारियों से वसूली सुनिश्चित करना, कुलपति, कुलसचिव एवं CAS का लाभ लेने वाले कार्मिकों को अग्रिम आदेशों तक वेतन न दिए जाने का निर्देश शामिल है।

इसके अलावा, केवल शासन द्वारा स्वीकृत पदों पर नियमित प्रक्रिया से नियुक्त कर्मचारियों को ही वेतन भुगतान करने, स्वीकृत धनराशि से अधिक व्यय न करने, एवं मितव्ययता अपनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि पूर्व में जारी धनराशि के उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने के बाद ही अगली किस्त जारी की जाएगी।

आदेश में यह भी कहा गया है कि विश्वविद्यालय में नियमविरुद्ध पदोन्नति या विनियमितीकरण करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई और अतिरिक्त वेतन की वसूली की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। वित्त विभाग द्वारा जारी सभी पूर्व और वर्तमान निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना विश्वविद्यालय

प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।

देखें आदेश

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *