कोरोना के साथ जीना है तो पर्यटन क्षेत्र में आगे भी बढ़ना है. पर्यटन प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और राज्य सरकार इस रीढ़ को मजबूत करने में लगी हुई है.
‘ईज ऑफ ट्रैवलिंग इन राजस्थान’ थीम पर नई पर्यटन नीति के ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद जल्द ही प्रदेश की नई पर्यटन नीति जारी कर दी जाएगी. नए पर्यटन सत्र की शुरुआत के साथ ही यानी 1 सितंबर से इस नीति को लागू माना जाएगा.
पिछले 5 महीने से देश दुनिया में कोरोना के चलते कितनी समस्याएं आई हैं और इस पीड़ा से भी गुजर रहे हैं. राजस्थान भी कोरोना से अछूता नहीं रहा और प्रदेश का संपन्न और समृद्ध पर्यटन ढांचा कोरोना के चलते चरमरा गया. अरबों रुपये का नुकसान हुआ, पर्यटन उद्योग खत्म सा हो गया, लाखों लोग बेरोजगार हुए, होटल उद्योग रेस्टोरेंट और पर्यटन से जुड़े हॉकर, वेंडर, टैक्सी संचालक, गाइड, लोक कलाकार, सभी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया.
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन ढांचे को दोबारा खड़ा करने या कहें कि तेजी से पर्यटन को खड़ा करने के लिए विभाग के जिम्मेदार अफसर और पर्यटन उद्योग से जुड़े विषय विशेषज्ञों के साथ बैठक की और नई पर्यटन नीति लाने के निर्देश दिए. इस नीति को बिजनेस फ्रेंडली, टूरिस्ट अट्रैक्शन से लबरेज और पर्यटन उद्योग को विभिन्न रियायतों का समावेश करते हुए तैयार करने को कहा गया था. इसके बाद पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता और उनकी टीम ने पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इस ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा रहा है. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद इस नीति को इसी सप्ताह जारी कर दिया जाएगा.
प्रदेश में 1 सितंबर से नया पर्यटन सत्र शुरू हो जाता है, ऐसे में नई नीति को पर्यटन सत्र के पहले दिन से ही प्रदेश में लागू करने की योजना है. नई नीति में आईकॉनिक मोन्युमेंट्स और हेरिटेज क्षेत्र पर फोकस किया गया है. नए स्पेशल हेरिटेज गांव तैयार करने, क्राफ्ट गांव तैयार करने और अनुभवात्मक पर्यटन पर जोर दिया गया है. इसके अलावा मरू पर्यटन, एडवेंचर टूरिज्म, वाइल्डलाइफ एंड इको टूरिज्म, ट्रैवल टूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन, क्राफ्ट और व्यंजन पर्यटन, माइस टूरिज्म, वीकेंड गेटवे टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन, शादी पर्यटन, रूट्स टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन और फिल्म पर्यटन को लेकर नई नीति में विभिन्न प्रावधान किए गए हैं. नया पर्यटन सत्र सितंबर से शुरू होना है यानी अब नए पर्यटन सत्र की शुरुआत में सप्ताह भर का समय बचा है.
नई पर्यटन नीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार पुष्कर मेला, डेजर्ट फेस्टिवल, कुंभलगढ़, बूंदी उत्सव सहित अन्य मेलों एवं उत्सवों की नए सिरे से ब्रांडिंग की योजना तय की गई है. नई पर्यटन नीति में पर्यटन इकाइयों के भू रूपांतरण के मामलों में सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने, हेरिटेज इकाइयों को विभिन्न रियायत देने और पर्यटन के विभिन्न उत्पादों को एक बार फिर मुख्यधारा में लाने के भी प्रयास किए गए हैं.
पैलेस ऑन व्हील्स हो छोटे मार्ग पर चलाने ताकि विदेशी पर्यटकों की अनुपस्थिति के बावजूद घरेलू पर्यटकों को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुरूप शाही ट्रेन में यात्रा करवाई जा सके. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पर्यटन ढांचे के विकास और नए पर्यटन सत्र में पर्यटन उद्योग को विभिन्न रियायतें और नई नीति के प्रावधानों के अनुरूप संबल देने के प्रयास किए जा रहे हैं. इससे उम्मीद जगी है कि नए पर्यटन सत्र में कोविड-19 से जूझ रहे पर्यटन उद्योग को नई ताकत जरूर मिलेगी.