दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में अवैध फैक्टरियोें में नकली रेमडेसिविर का उत्पादन करता है।
पुलिस ने बताया कि यह लोग एक इंजेक्शन को 25 हजार रुपये में बेचते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से रेमडेसिविर के 196 नकली इंजेक्शन बरामद किए हैं। वहीं तीन हजार खाली वायल्स भी पुलिस को मिली है। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे अब तक कोरोना मरीजों को दो हजार से अधिक रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बेच चुके हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच और उत्तराखंड पुलिस की टीम छानबीन में जुटी
मामले में पौड़ी जिले के कोटद्वार में दिल्ली क्राइम ब्रांच और उत्तराखंड पुलिस की टीम छानबीन में जुट गई है। पता लगा है कि पुलिस को यह नकली रेमडेसिविर कहीं और से बरामद हुआ है। जिस पर कोटद्वार की उक्त फैक्टरी का नाम लिखा हुआ है।
यहां फैक्टरी में छापामारी हुई, लेकिन बताया जा रहा है कि यहां से कुछ बरामद नहीं हुआ है। कोटद्वार सीओ अनिल जोशी ने बताया कि मौके पर पूछताछ में पता चला है कि नकली रेमडेसिविर बनाने वाले लोगों ने फैक्टरी किराये पर ली थी। लेकिन अभी तक यहां कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है।
दिल्ली की क्राइम ब्रांच के साथ ही उत्तराखंड पुलिस के आला अधिकारी भी इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं। इस मामले में हरिद्वार और रुड़की में भी कुछ फैक्टरियों में छानबीन की गई है।
डीएम के कहने पर भी नहीं मिली मरीज को रेमडेसिविर
रेमडेसिविर की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर सरकार और प्रशासन भले ही लाख दावे करे। लेकिन, सच्चाई यही है कि जरूरतमंद मरीजों को यह आसानी से नहीं मिल पा रही है। ऐसे ही एक मामले में देहरादून के सुभारती अस्पताल में भर्ती मरीज को डीएम के कहने के बाद भी इंजेक्शन नहीं मिल पाया। परिजनों ने बमुश्किल दूसरी जगह से इंजेक्शन का इंतजाम किया।
सुभारती अस्पताल में भर्ती मरीज को 27 अप्रैल को डॉक्टर ने रेमडिसिवर दवा लिखी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं है, परिजनों को बाहर से दवा का इंतजाम करना होगा। परिजनों के अनुसार, उस दिन कई जगह चक्कर काटने के बावजूद उन्हें दवा नहीं मिल पाई। अगले दिन किसी तरह दो इंजेक्शन का इंतजाम हुआ। परिजन इंजेक्शन के लिए भटकते रहे, लेकिन उन्हें नहीं मिल पाया। इस पर उन्होंने अमर उजाला से संपर्क कर मदद मांगी।
हमारे संवाददाता ने जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव को मामले की जानकारी दी। इस पर डीएम ने बताया कि सुभारती अस्पताल को इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। हमने उन्हें बताया कि उसके बावजूद अस्पताल मरीज को बाहर से इंजेक्शन लाने के लिए कह रहे हैं। इस पर डीएम ने जल्द व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया। हालांकि देर शाम तक प्रशासन की ओर से इंजेक्शन का कोई इंतजाम नहीं हो सका। परिजनों ने अपने प्रयासों से दूसरी जगह से इंजेक्शन जुटाए।
मामले की जानकारी मिलने के बाद मैंने इंजेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। अस्पताल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि वे मरीज के लिए व्यवस्था कर रहे हैं। इस पर मैंने तभी व्यवस्था होने का मैसेज भेजा था। अब शाम को पता चल रहा है कि अस्पताल ने इंजेक्शन नहीं दिया।
- डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी