ट्रेन की स्पीड से रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग थर-थराने लगी और चंद मिनट बाद ही वह भरभरा कर गिर गया। गनीमत यह रही कि रेलवे स्टेशन काफी छोटा है, इसलिए हादसे की चपेट में लोग नहीं आए। यह घटना मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिला की है। बुरहानपुर जिला स्थित मुंबई-दिल्ली लाइन पर पर एक छोटा सा स्टेशन है, चांदनी रेलवे स्टेशन। ज्यादातर लंबी दूरी की गाड़ियां रुकती भी नहीं हैं। विगत बुधवार की शाम चार बजे यहां से पुष्पक एक्सप्रेस गुजरी। उस वक्त ट्रेन की स्पीड करीब 110 किलोमीटर थी। ट्रेन के गुजरते ही रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग में कंपन शुरू हो गई।
ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए रेलकर्मी प्रदीप कुमार पवार बाहर निकले थे, इसकी वजह से वह हादसे के शिकार नहीं हुए। कंपन के बाद बिल्डिंग भरभरा कर गिरने लगी। हादसे के वक्त स्टेशन पर यात्री नहीं थे और रेलवे स्टाफ भी ज्यादा नहीं था। इसकी वजह से कोई चपेट में नहीं आया है। दरअसल, चांदनी रेलवे स्टेशन मुंबई-दिल्ली मार्ग पर स्थित है। इसलिए यहां से हाई स्पीड गाड़ियां पूरे दिन गुजरती हैं। हादसे के बाद करीब दो घंटे तक ट्रेनों को आउटर पर रोककर रखा गया। उसके बाद यहां से गाड़ियों को स्पीड कम कर निकाला गया। भवन गिरने के बाद बिल्डिंग के निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि रेलवे स्टेशनों के निर्माण में क्वालिटी से समझौता नहीं होता है।
बताया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग का निर्माण साल 2004 में हुआ था। अभी इसके निर्माण के 17 साल ही हुए हैं और भरभरा कर गिर गया है। बिल्डिंग में पिलर का प्रयोग भी नहीं हुआ था, इसलिए कंपन सह नहीं पाया है। वहीं, हादसे को लेकर रेलवे की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। घटना के बाद रेलवे के अधिकारी मौके पर मुआयना के लिए जरूर पहुंचे थे।