देहरादून: उत्तराखंड में चर्चाओं में हैं महेन्द्र शर्मा, जिन्हें देश के सबसे बड़े रईस अम्बानी और बड़े उद्योगपति जिंदल के साथ चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का सदस्य बनाया गया है।
ऊना के 61 वर्षीय महेन्द्र शर्मा ए.एन.एस. कंस्ट्रक्शन कंपनी के चेयरमैन और एम.डी. हैं। उनकी कंपनी राष्ट्रीय महत्व की इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, होटल, फूड प्रासैसिंग, शिक्षा, रियल एस्टेट सहित अनेक परियोजनाओं का निर्माण करती है।
जिला ऊना के छोटे से गांव बढेड़ा राजपूतां के इस परिवार ने देश के बड़े दानवीरों में अपना नाम दर्ज करवाया है। महेन्द्र शर्मा के पिता स्व. अमरनाथ शर्मा भी सबसे बड़े दानवीर रहे हैं। उन्होंने ही 1990 के दशक में गांव में अपने खर्चे पर स्कूल, सडक़ों, स्ट्रीट लाइटों एवं स्वास्थ्य संस्थानों की स्थापना कर उसे सरकार को समर्पित किया था। अनेक मंदिरों एवं गरीब लोगों को वह खुलकर दान देते थे। अब उनके बेटे उनके पदचिन्हों पर चलते हुए यह दायित्व पूरा कर रहे हैं।
महेन्द्र शर्मा ने चिंतपूर्णी मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों को चांदी से सुसज्जित करने पर एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की थी। माता वैष्णो देवी मंदिर ट्रस्ट में श्रद्धालुओं के लिए निर्माणाधीन भवन के लिए एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि दान दी थी। इसी प्रकार श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में चांदी के आवरण के कार्य के लिए 2 करोड़ रुपए दान दिए थे। महेन्द्र शर्मा यमुना सहयोग समिति के वाइस चेयरमैन हैं और इसकी साफ-सफाई, तटों पर पौधारोपण तथा प्रदूषण को कम करने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। यही नहीं वह नई दिल्ली के इस्कॉन मंदिर के नवीनीकरण, पुर्नद्वार समिति के वाइस चेयरमैन हैं जो इस मंदिर की साज सज्जा का कार्य भी देख रही है। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में उपचार करवाने आए गरीब रोगियों के लिए दवाइयां, उपकरण और खानपान की सुविधा भी वह उपलब्ध करवाते हैं। इसके लिए लंगर भी चलाते हैं। वह मैसूर में एड्स से पीडि़त स्ट्रीट चिल्डर्न के इलाज के लिए आशा किरण अस्पताल को भी नियमित रूप से आर्थिक सहयोग देते हैं। महेन्द्र शर्मा के भाई एन.आर.आई. राजेश शर्मा लगातार धार्मिक स्थानों को आर्थिक सहयोग देते हैं तथा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सहयोग देते हैं। अब तक अनेक लोगों के घरों का निर्माण वह धनराशि मुहैया करवाते हैं।