चंपावत: पूरे उत्तराखंड में बारिश का दौर तीन दिन से जारी है। बारिश के कारण चंपावत जिले के मैदानी इलाकों में जहां जल भराव की स्थित पैदा हो गई है वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण भूस्खलन और मलबा आने से टनकपुर पिथौरागढ़ हाईवे समेत आठ ग्रामीण संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। बारिश के कारण कारण टनकपुर में किरोड़ा नाला और शारदा नदी उफान पर है। मंगलवार सुबह हनुमानगढ़ी, विष्णुपुरी कालौनी, आमबाग, बिचई आदि स्थानों पर कई घरों में पानी घुस गया। टनकपुर-पिथौरागढ़ हाइवे पर सुबह नौ बजे तक आवागमन सुचारू था। फिर भी जगह-जगह मलबा गिरने से सड़क बंद हो रही है। साथ ही बारिश के बाद आए मलबे के कारण चम्पावत में पूर्णागिरि समेत आठ ग्रामीण इलाकों की सड़कें बंद पड़ी हैं।
लगातार हो रही बारिश का सिलसिला मंगलवार को भी जारी है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राजमार्ग पर धौन-स्वाला, चल्थी, बेलखेत, तल्ली बाराकोट, भारतोली आदि स्थानों पर मलबा गिर रहा है, लेकिन अभी हाइवे सुचारू है। सबसे अधिक परेशानी टनकपुर में देखने को मिली है। यहां जल भराव से हनुमानगढ़ी क्षेत्र, विष्णुपुरी कालौनी, आमबाग, बिचई में लोगों के घरों में पानी घुस गया। किरोड़ा नाले और शारदा नदी का पानी आने से हनुमानगढ़ी का पूरा क्षेत्र जल मग्न हो गया है। पूर्णागिरि मार्ग तीन दिन से अभी तक नहीं खुल पाया है।
जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को बंद अमोड़ी-छतकोट, ठुलीगाड़-भैरव मंदिर, छिनकाछीना-थुवामौनी सड़क अभी भी नहीं खुल पाई हैं। मंगलवार को हरम-रमैला, धूनाघाट-भिंगराड़ा, चम्पावत-खेतीखान और डुंगराबोरा-स्याला-पोथ सड़क मलबा आने से बंद हो गई हैं। अब बंद पड़ी ग्रामीण सड़कों की संख्या आठ पहुंच गई है। इधर पूर्णागिरि मार्ग बंद होने से पूर्णागिरि धाम के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के 15 वाहन तीन दिन से भैरव मंदिर के पास में ही फंसे हैं। लोनिवि ईई एपीएस बिष्ट ने बताया कि पूरी चट्टान के सड़क पर गिर जाने से सड़क खोलने में देरी हो रही है। दो जेसीबी और एक पोकलैंड मशीन लगातार मलबा हटाने में जुटी है। कुल मिलाकर बारिश ने आम जन जीवन प्रभावित किया है। कई लोग अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो कई लोगों को दूसरे मार्ग से अधिक दूरी तय कर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है।