बैंककर्मियों का निजीकरण को लेकर आक्रोश , कामकाज ठप

देहरादून: मोदी सरकार सरकारी उपक्रमों को नुकसान से उबारने का हवाला देकर उनका निजीकरण करने की कवायद कर रही है। सरकारी एयरलाइंस के बाद अब कुछ सरकारी बैंकों का भी निजीकरण की आशंका है।

वहीं पब्लिक सेक्टर के बैंककर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ हल्ला बोल दिया है, युनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर आज और कल राष्ट्रीयकृत बैंकों के बैंककर्मी हड़ताल पर हैं। ऐसे में इन बैंकों में 16 और 17 दिसंबर को कोई कामकाज नहीं किया जा रहा है। उधर,उत्तराखंड ग्रामीण बैंकों ने हड़ताल को नैतिक समर्थन देने का फैसला लिया है। इसी क्रम में देहरादून के घंटाघर स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने हड़ताली बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया।

बैंककर्मियों ने कहा है कि शीतकालीन सत्र में बैंकिंग अधिनियमों में परिवर्तन कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने की सरकार की मंशा का हम सख्त विरोध करते हैं। लंबे समय से आंदोलन करने के बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक फैसला न लेने की वजह से दो दिवसीय हड़ताल करने का फैसला लिया गया है।

16-17 दिसंबर को राष्ट्रीयकृत बैंकों के बैंककर्मी एस्लेहाल स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सामने हड़ताल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। बैंककर्मियों ने कहा कि बैंकों का निजीकरण होने से बैंककर्मियों के साथ ही लोगों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। यूएफबीयू के संयोजक समदर्शी बड़थ्वाल ने कहा कि बैंकों का निजीकरण कर सरकार कॉर्पोरेट पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here