उत्तराखंड में मौसम का पारा गिरने के साथ ही सियासी पारा चढ़ने लगा है, वजह है आगामी विधानसभा चुनाव. भाजपा इंटरनल सर्वे तो कांग्रेस स्क्रीनिंग के ज़रिए दावेदारों को परख रही है.
जिताऊ कैंडिटेट चुनना पार्टियों के लिए कम चुनौतीपूर्ण नहीं, इस पर निर्दलीयों की ओर जनता का झुकाव पार्टियों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है.
दरअसल हम कर रहे हैं केदारनाथ विधानसभा की. यहां से विधायक है कांग्रेस के मनोज रावत रावत, जो कि निर्दलीय कुलदीप सिंह रावत को महज़ 869 मार्जन से हराकर विधानसभा पहुंचे थे.
17 में जीत का स्वाद चखने वाले रावत के लिए 22 का रण आसान नहीं होगा. दरअसल चोपता की जनता, रावत से कुछ खफा नज़र आ रही है. लोगों की माने तो एक-दो बार को छोड़ दिया जाए तो नेताजी इलाके से नदारद ही रहे.
स्थानीय जनता, कांग्रेस हो या भाजपा ! दोनों दलों से उकताई नज़र आती है. ऐसे वोटर निर्दलीय दावेदार कुलदीप रावत का खुलकर समर्थन कर रहे हैं.
वहीं इक्का दुक्का लोग ऐसे भी है जो फिलहाल खुलकर राय साझा नहीं कर रहे हैं. लोगों के रुझान से साफ है कि केदारनाथ में इस बार निर्दलीय कुछ बड़ा उलटफेर कर सकते हैं.
बीते दिनों हुए ओपिनियन पोल्स की माने तो इस बार चुनावी टक्कर कांटे की होगी. ऐसे में निर्दलीय पहले के मुकाबले ज्यादा तादात में चुने गए तो निर्दलीयों की जमात गेम चेंजर साबित हो सकती है. बहरहाल सूबे की सियासी तस्वीर क्या होगी इसका साक्षी तो समय ही होगा.