एक तय वक्त के बाद सूबे में बिजली के दामों में वृद्धि की जाती है. हर बार ये बढ़ोत्तरी 10 से 20 फीसद तक होती है. लेकिन इस बार होने वाली बढ़ोत्तरी में चुनावी असर देखने को मिलेगा.
जिसका सीधा फायदा उत्तराखंड की जनता को होगा. ऊर्जा निगम ने इस बार महज़ 4 फीसदी ही रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है. हालांकि बिजली की दरों में कितनी वृद्धि होगी इस पर आखिरी फैसला उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ही लेना है.
आयोग मौजूदा प्रस्ताव के लिहाज से जन सुनवाई के बाद ही इस बाबत फैसला लेगा. पिछले सालों तक भी रेट में बेहद ज्यादा बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के बावजूद भी नियामक आयोग की तरफ से लोगों पर बेहद कम दबाव रखने का ही प्रयास किया जाता रहा है.
लेकिन इस बार खुद ऊर्जा निगम की तरफ से बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव में ही रेट कम बढ़ाए जाने की मांग कर दी गई है.