एनडीटीवी के मशहूर पत्रकार कमाल खान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि लखनऊ के बटलर पैलेस कॉलोनी में आज सुबह उनका निधन हुआ.
शुक्रवार तड़के उन्होंने अंतिम सांसें लीं. कमाल खान के निधन की खबर से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. कमाल खान की पहचान एक तेजतर्रार पत्रकार के तौर पर थी.
61 साल के कमाल खान अपने परिवार के साथ लखनऊ के बटलर पैलेस स्थित सरकारी बंगले में रहते थे. उनकी शादी पत्रकार रुचि कुमार के साथ हुई थी. बताया जा रहा है कि सुबह-सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
कमाल खान एनडीटीवी के उत्तर प्रदेश ब्यूरो में कार्यकारी संपादक थे. कमाल खान बीते 3 दशकों से पत्रकारिता में थे और 22 साल से एनडीटीवी से जुड़े थे.
कमाल खान के निधन पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और अन्य नेताओं ने भी दुख जाहिर किया है.
सीएम योगी ने कहा कि उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना है. पत्रकारिता की यह अपूरणीय क्षति है. कमाल चौथे स्तंभ और निष्पक्ष पत्रकारिता के एक मजबूत प्रहरी थे. वहीं समाजवादी पार्टी की तरफ से ट्वीट कर शोक जताया गया है.
कमाल खान को उनकी बेहतरीन पत्रकारिता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार मिला था. साथ ही भारत के राष्ट्रपति द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके थे.
कमाल खान खबर को पेश करने के अंदाज को लेकर काफी मशहूर थे और देश भर में उनके अंदाज और रिपोर्टिंग को सराहा जाता था.
उन्होंने अंतिम ट्वीट जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में यति नरसिंहानंद अन्न जल त्याग कर हरिद्वार में गंगा किनारे बैठने को लेकर किया था.