विद्या बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती पूजा का वसंत उत्सव पर्व आज मनाया जा रहा है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि हिंदू परंपरा में विशेष महत्व रखती है। इस दिन से भारत में वसंत ऋतु का आगमन होता है। शरद ऋतु की समाप्ति के बाद ऋतुराज बसंत के आगमन पर शहर के मंदिरों और शिक्षण संस्थानों के साथ घरों में मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना होगी।
आज के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी बसंत पंचमी के दिन ही किया जाता है। आज के दिन विद्या की देवी सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह सात बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक रहेगा।
इस बार बसंत पंचमी तीन विशेष योगों की त्रिवेणी में मनाई जाएगी। आज बसंत पंचमी के दिन सिद्ध, साध्य और रवियोग का संगम होगा। इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त होता है, जिसकी वजह से बिना मुहूर्त के विवाह सम्पन्न किए जाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन देवी रति और भगवान कामदेव की पूजा करने का भी विधान है। मुहूर्त के अनुसार इस दिन साहित्य , शिक्षा, कला इत्यादि के क्षेत्र से जुड़े लोग विद्या की देवी सरस्वती की पूजा आराधना करते है।