बीते दिनों भोजनमाता विवाद प्रदेश के साथ ही देशभर में छाया रहा, मामले में अभिभावक संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार समेत 5 लोगों पर एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था.
जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पांचों के खिलाफ आज एससी एसटी एक्ट में दर्ज मुकदमे को निरस्त करने के मामले पर सुनवाई की.
मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने अभिभावक संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार सहित पांच अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगाकर सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.
अभिभावक संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार व पांच अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी पर रोक व मुकदमा निरस्त हेतु याचिका पेश की थी.
गौरतलब है कि मामला विद्यालय में भोजन माता की नियुक्ति से जुड़ा है. इस पद हेतु छह सवर्ण और चार एससी जाति के लोगों ने आवेदन किया था.
चंपावत जिले के जीआईसी सूखीढांग में प्रिंसिपल ने एससी जाति की महिला को भोजन माता के पद पर नियुक्त कर दिया था. इस नियुक्ति को अभिभावक संघ के अध्यक्ष व अन्य के द्वारा जिला अधिकारी के वहां चुनौती दी गई थी.
जिला अधिकारी के निर्देश पर एक कमेटी गठित की गई. जांच के बाद कमेटी ने इनकी नियुक्ति नियम विरुद्ध पाते हुए नियुक्ति रद्द कर दी.
अपनी नियुक्ति रद्द होने के कारण महिला ने अभिभावक संघ के अध्यक्ष सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाया था. इस मुकदमे को निरस्त करने और अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए याचिकाकर्ताओं के द्वारा कोर्ट में याचिका पेश की गई थी.