दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की एम आर आई मशीन 18 फरवरी 2020 से खराब होने के कारण बंद हो गई थी मशीन पुरानी और इसका वारंटी पीरियड खत्म होने के कारण इसे रिपेयर नहीं किया जा सका वही बताया जा रहा था कि रिपेयर का खर्च भी लाखों रुपए में आ रहा है ऐसे में दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा नई एमआरआई मशीन को लाने पर सहमति बनाई थी जिसके लिए कई बार टेंडर भी डालें और कई अड़चनों के बाद लगभग दो माह पूर्व नई एमआरआई मशीन देहरादून दून हॉस्पिटल पहुंची…
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एम आर आई मशीन इंस्टॉल कर ट्रायल के बाद आज से जांच शुरू कर दी गई है, जिसके बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। राजकीय मेडिकल अस्पताल में एमआरआई जांच को करीब 2 साल से ठप है ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने नई मशीन आने तक ठेके पर किसी निजी लैब से एमआरआई कराए जाने की भी पहल की थी पर दरें कम होने के कारण किसी ने भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई अस्पताल में एमआरआई की सुविधा ना होने के कारण मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा निजी अस्पतालों या डायबिटीज टेस्ट केंद्रों में एमआरआई 8000 से ₹12000 तक में होती है जबकि दून अस्पताल में साढ़े 3000 में होती है अस्पताल में रोजाना औसतन 25 मरीजों की जांच की जाती है…
दून अस्पताल में 2 साल बाद एम आर आई मशीन स्थापित की गई है या एम आर आई मशीन लगने से गरीब मरीजों को फायदा होगा बीते 2 साल से चांस नहीं होने से मरीजों को महंगी दर ऊपर नीचे रेडियोलॉजी लैब में जांच कराने को मजबूर होना पड़ रहा था।