92 साल बाद दिवारा यात्रा पर निकली मां चंडिका

रुद्रप्रयाग जिले के दशज्यूला क्षेत्र अन्तर्गत महड़ गांव स्थित आराध्य मां चंडिका की दिवारा यात्रा 92 वर्षाे बाद आयोजित की गई है। यह यात्रा पूरे नौ माह तक चलेगी।

पांच माह के भीतर दिवारा यात्रा विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर चुकी है। इन दिनों मां चंडिका की दिवारा यात्रा नगर क्षेत्र का भ्रमण कर भक्तों का आशीष दे रही हैं। दिवारा यात्रा में बड़ी संख्या में चल रहे भक्तों के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।

बता दें कि गत् 15 अक्टूबर से 92 वर्षो बाद दशज्यूला क्षेत्र के महड़ गांव स्थित चंडिका मंदिर में विशेष पूजा अर्चना के साथ मां चंडिका की दिवारा यात्रा शुरू हुई थी। दिवारा यात्रा ने दशज्यूला कांडई एवं चमोली जिले के विभिन्न गांवों का भ्रमण कर भक्तों की कुशक्षेम पूछी।

इसके अलावा मां चंडिका देवी हरिद्वार से गंगा स्नान करके भी आ चुकी हैं। हरिद्वार के बाद यात्रा ने देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में भक्तों की कुशलक्षेम पूछी और फिर उत्तरकाशी विश्वनाथ मंदिर समेत कई स्थानों पर भ्रमण के बाद यात्रा श्रीनगर गढ़वाल पहुंची। यहां पांच दिनों तक श्रीगनर गढ़वाल में भक्तों को दर्शन दिए।

इसके बाद मां ने भक्तों को दर्शन देते हुए रुद्रप्रयाग पहुंची। दिवारा यात्रा के पहुंचने पर भक्तों ने यात्रा का अक्षत व फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया।

दिवारा यात्रा में बड़ी संख्या में चल रहे भक्तों के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। इन दिनों दशज्यूला क्षेत्र की आराध्य देवी मां चंडिका की दिवारा यात्रा रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र का भ्रमण कर रही हैं।

करीब 9 महीने की दिवारा यात्रा संपंन होने के बाद जून माह में दशज्यूला के महड़ गांव में बन्याथ का आयोजन किया जायेगा और 15 जून को मां चंडिका महड़ मंदिर में विराजमान होगी और महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।

जिसमें 28 गांव के लोगों के साथ ही प्रवासी भी शामिल होंगे। मां चंडिका देवी के पुजारी जगदीश भंडारी ने बताया कि दिवारा यात्रा पूरव और पश्चिम दिशा की यात्रा पूरी कर चुकी है।

अब उत्तर दिशा की ओर यात्रा की जा रही है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ भगवान के कपाट खुलने के अवसर पर दिवारा यात्रा धाम में पहुंचेगी। यहां से निकलकर यात्रा बद्रीनाथ धाम को रवाना होगी।

उन्होंने कहा कि मां चंडिका अब तक चार सौ धियाणियों को मिल चुकी है और जिस घर में धियाणियां मां चंडिका को भुला रही हैं, दिवारा यात्रा वहां पहुंच रही है।

अब तक पांच माह की यात्रा पूरी हो चुकी है और शेष चार माह की यात्रा बची है। इसके बाद महड़ गांव में बन्याथ का आयोजन किया जायेगा, जिसमें देश-विदेश से प्रवासी भी पहुंचकर मां का आशीर्वाद लेंगे।

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