भारत उत्सवों और मेलों का देश है, अलग अलग प्रदेश की अलग-्अलग संस्कृति है, जहां होने वाले सांस्कृतिक और धार्मिक मेले आकर्षण का केन्द्र बने रहते हैं।
देहरादून में झंडे जी का मेला खासा प्रसिद्ध हैं जहां देश विदेश से लोग जुटते हैंं, इस मेले की तैयारियां शुरू हो गयी है.
इन दिनों दून में श्री झंडे जी मेले की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। सोमवार को श्री दरबार साहिब में श्री झंडा साहिब की विशेष पूजा अर्चना और अरदास की गई।
वहीं श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज के नेतृत्व में सोमवार को एक दल अराईयांवाला, हरियाणा के लिए रवाना हुआ।
वहां पर हर्ष-उल्लास और श्रद्धाभाव के साथ श्री झंडे जी का आरोहण किया गया। इस दौरान श्री गुरु राम राय महाराज के जयकारों से संगत निहाल हुई।
सुबह नौ बजे श्री दरबार साहिब से सौ सदस्यीय जत्था अराईंयावाला, हरियाणा के लिए रवाना हुआ। जत्थे के अराईयांवाला पहुंचने के बाद पूरे श्रद्धाभाव से पुराने श्री झंडे जी को उतारा गया।
दूध, दही, घी, मक्खन, गंगा जल और पंचगव्यों के साथ श्री झंडे जी को स्नान कराया गया। हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में 60 फीट ऊंचे श्री झंडे जी का आरोहण किया गया।
दून लौटने पर श्री दरबार साहिब प्रबंधन और श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति की ओर से कांवली गांव में संगत का जोरदार स्वागत किया जाएगा।
16 मार्च को पैदल संगत श्री दरबार साहिब पहुंचेगी। श्री महंत देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई में श्री दरबार साहिब प्रबंधन की ओर से पैदल संगत का भव्य स्वागत दर्शनी गेट पर किया जाएगा।
मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि आज यानी मंगलवार से देश-विदेश की संगतों का श्री दरबार साहिब पहुंचने का क्रम तेज हो जाएगा।
19 मार्च को संगतें एसजीआरआर पब्लिक स्कूल, बांबे बाग से भंडारी बाग से मातावाला बाग से सहारनपुर चौक होते हुए नए ध्वजदण्ड (श्री झंडे जी) को अपने कंधों पर उठाकर श्री दरबार साहिब पहुंचाएंगी।
21 मार्च को परंपरा के अनुसार पूरब की संगत की विदाई होगी। 22 मार्च को श्री झंडे जी आरोहण के साथ ही इस साल के लिए श्री झंडे जी मेले का शुभारंभ हो जाएगा।