पूर्णागिरि जा रहे किशोर की हार्ट अटैक से मौत

लखीमपुर खीरी जिले के मोहम्मदी तहसील के अयोध्यापुर गांव का दीपक वर्मा (17) पुत्र विजय वर्मा अपने चाचा सुदीप वर्मा और गांव के कुछ अन्य लोगों के साथ पूर्णागिरि देवी के दर्शन के लिए आया था।

भैरव मंदिर तक जीप से जाने के बाद सभी लोग पैदल रास्ते से मुख्य मंदिर जा रहे थे। काली मंदिर की चढ़ाई पर दीपक वर्मा बेहोश हो गया। चाचा और साथ आए लोग दीपक को भैरव मंदिर लाए।

यहां इलाज नहीं मिलने से पुलिस की मदद से उसे टनकपुर अस्पताल भेजा गया लेकिन रास्ते में करीब 45 मिनट जाम में फंसने पर दीपक को चाचा और अन्य लोग पैदल ले जाकर दूसरे वाहन से अस्पताल ले गए।

सीएमएस डॉ. घनश्याम तिवारी ने बताया कि दीपक की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। चाचा सुदीप वर्मा ने बताया कि उनके भतीजे का दिल की बीमारी का इलाज चल रहा था।

मेला क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल

 मृतक  के चाचा सुदीप वर्मा का कहना है कि 17 साल के एक किशोर दीपक वर्मा की जान बचाई जा सकती थी।  सुदीप बताते हैं कि मेला क्षेत्र में भतीजे को चिकित्सा सुविधा नहीं मिली।

उन्हें 19 किमी दूर टनकपुर उप जिला अस्पताल जाना पड़ा, जहां पहुंचने से पहले भतीजे ने दम तोड़ दिया। रास्ते में ठुलीगाड़-टनकपुर के बीच लगे जाम में भी उन्हें 45 मिनट का वक्त बर्बाद करना पड़ा। भतीजे दीपक को रास्ते में तीन जगह पैदल ही ले जाना पड़ा।

यह मौत दिल के दौरे से ज्यादा स्वास्थ्य अव्यवस्था की वजह से हुई। इस घटना ने पूर्णागिरि धाम के मेला क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खोल कर रख दी।

मेला क्षेत्र में रविवार दिन तक एक भी एलोपैथिक स्वास्थ्य शिविर नहीं लग सका था। छह जनवरी को हुई मेले की तैयारी बैठक में 19 मार्च से शुरू होने वाले मेले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे। दावों में से कम से कम 19 और 20 मार्च को एक भी जमीन पर नहीं उतरा।

एलोपैथिक स्वास्थ्य व्यवस्था के दो कैंप लगने थे। इन शिविरों में एक-एक डॉक्टर और एक-एक फार्मासिस्ट की तैनाती की गई है लेकिन  शिविर न ठुलीगाड़ में लगा था और न ही काली मंदिर में। दोनों में से एक भी स्वास्थ्य शिविर होता, तो किशोर को तत्काल प्राथमिक इलाज देकर जान बचाई जा सकती थी।

स्वास्थ्य शिविर नहीं होने से बेहोश किशोर को 22 किमी दूर टनकपुर ले जाया गया। जिसमें दो घंटे से अधिक का वक्त जाया हुआ। मेला क्षेत्र में जिस एंबुलेंस को हर वक्त तैनात किए जाने का दावा किया गया था वह भी हवाई रहा।

पहले दो दिनों में मेला क्षेत्र में एंबुलेंस ही तैनात नहीं हो सकी। टनकपुर अस्पताल के पास तीन एंबुलेंस हैं लेकिन चालक एक है।

होली की वजह से न ठुलीगाढ़ में और न ही काली मंदिर में स्वास्थ्य शिविर लगाया जा सका है। ठुलीगाढ़ शिविर को रविवार रात तक संचालित कर दिया गया है।

वहीं चंपावत के  सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि काली मंदिर शिविर को सोमवार शाम तक शुरू करा दिया जाएगा। चालक की कमी से एंबुलेंस भी मेला क्षेत्र में खड़ी नहीं की जा सकी। टनकपुर अस्पताल के पास तीन एंबुलेंस हैं लेकिन चालक एक ही है। चालक की व्यवस्था के लिए मेला संचालन समिति से भी कहा गया है। –

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