जाने रुद्रप्रयाग के किस गांव में पहली बार पूछी बाइक

विकास की गति को तेज करने के लिए सड़कों की बड़ी अहमियत है, केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की भी कोशिश है कि देश के गांव-गांव को सड़कों से जोड़ा जाए.

तो वहीं उत्तराखंड के कई गांवो तक आज भी सड़कें नहीं चड़ पायी हैं, एक ही गांव था रुद्रप्रयाग जिले के कालीमठ घाटी का ब्यूंखी गांव. जहां आजादी के बाद पहली बार सड़क पहुंची.

और उसी के साथ यहां पहली बार जीप टैक्सी पहुंचने पर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों व वाहन चालकों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया.

साथ ही पीएमजीएसवाई सिंचाई खंड जखोली डिवीजन के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया. वहीं मोटरमार्ग पर फेस टू कार्य के लिए धनराशि अवमुक्त होने के बाद जल्द ही कार्य शुरू किया जायेगा.

मोटरमार्ग निर्माण से कुणजेठी तथा ब्यूंखी गांव के लगभग 1350 ग्रामीणों को यातायात सुविधा का लाभ मिला है तथा सिद्धपीठ कालीशिला का पैदल ट्रैक मात्र दो किमी रह गया है.

ब्यूंखी गांव के यातायात से जुड़ने से जहां सिद्धपीठ कालीशिला तीर्थ के पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होगा, वही गांव में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिलने से स्थानीय युवाओं के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.

भले ही मोटर मार्ग पर अभी बस का ट्रायल बाकी है. ब्यूखी गांव के यातायात से जुड़ने के बाद अब कालीमठ घाटी के स्यांसू व चिलौण्ड गांव यातायात से जुड़ने शेष रह गये हैं.

पीएमजीएसवाई सिंचाई खंड जखोली डिवीजन के अन्तर्गत लगभग 4 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से साढ़े सात किमी स्वीकृत बेडूला-कुणजेठी-ब्यूंखी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पिछले वर्ष 22 जनवरी को शुरू हुआ था.

मोटरमार्ग का निर्माण कार्य कुणजेठी तक आसानी से किया गया, मगर कुणजेठी-ब्यूंखी के मध्य मजबूत चट्टान होने से विभाग को मार्ग निर्माण में काफी परेशानी उठानी पड़ी.

मोटर मार्ग पर फेस टू का कार्य पूर्ण होते ही ग्रामीण खुशी से झूम उठे तथा ब्यूंखी गांव में पहली बार जीप-टैक्सी पहुंचने पर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों व जीप-टैक्सी वाहन चालकों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया.

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