कांग्रेस से निष्कासित हुए आकिल अहमद

चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस के नेता आकिल अहमद ने मुस्मिल यूनिवर्सिटी की मांग कर सियासी हलचल पैदा कर दी थी. जिससे भाजपा को बैठे बिठाए कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया.

चुनाव में भाजपा ने ये मुद्दा खूब भुनाया और  हरदा पर भी सवाल खड़े किए. भाजपा के इस प्रहार का असर भी देखने को मिला और पार्टी ध्रुवीकरण करने में कामयाब रही.

वहीं सियासी नुकसान झेलने वाली कांग्रेस ने हार की समीक्षा के बाद आकिल अहमद को पार्टी से  बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

 प्रदेश महामंत्री मथुरादत्त जोशी ने सोमवार शाम आकिल को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित करने के आदेश किए.

आकिल अहमद पार्टी से निष्कासित

यह कार्रवाई आकिल द्वारा मीडिया और सोशल मीडिया पर लगातार दिए जा रहे बयानों की वजह से की गई है। मथुरादत्त ने बताया कि यूनिवर्सिटी विवाद पर आकिल को मर्यादापूर्ण आचरण रखने को कहा गया था।

इसके बाद भी वो लगातार पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयान जारी करते रहे। बीती आठ फरवरी को भी आकिल को नोटिस जारी किया गया था। मथुरादत्त ने कहा, आगे भी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है।

ये है पूरा मामला :

जानकारी के अनुसार, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बगावती तेवर दिखा रहे प्रदेश सचिव आकिल को प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, सीनियर आब्जर्वर मोहन प्रकाश आदि ने अंतिम क्षणों में मना लिया था.

पार्टी प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा के समर्थन में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आकिल ने अपनी कई मांगों के साथ अल्पसंख्यकों के लिए यूनिवर्सिटी बनाने की भी मांग की. आकिल का कहना था कि प्रभारी और पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार बनने पर मांगें मानने का भरोसा दिया था.

जारी  रही आकिल की बयानबाजियां :

यूनिवर्सिटी विवाद के तूल पकड़ने पर कांग्रेस ने आकिल से कन्नी काटना शुरू कर दिया। इसी बीच निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की ओर से जारी वह आदेश सामने आ गया, जिसमें आकिल को प्रदेश सचिव से प्रमोशन देते हुए उपाध्यक्ष बना दिया गया था।

हालांकि प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल इस आदेश से आज भी अनभिज्ञता जताते हैं। कांग्रेस नेताओं द्वारा खुद को अलग थलग किया जाता देख आकिल ने कई दिन से खुलकर मोर्चा खोला हुआ है।

कांग्रेस विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा मेरे सिर पर फोड़ रही है। गलती कांग्रेस नेताओं की है। कांग्रेस वोट के नाम पर मुस्लिमों का शोषण कर रही है।

वर्ष 2012 से लेकर अब तक मैं टिकट मांगता रहा लेकिन टिकट नहीं मिला। कांग्रेस  एक और मुस्लिम साथी के साथ अन्याय कर चुकी है और अब मेरे साथ कर रही है।

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