योगी सरकार का शिक्षा को लेकर एक और नया बयान सामने आया

उत्तप्रदेश सरकार का शिक्षा को लेकर एक और नया फैसला सामने आया है। सरकार का कहना है की २०२३ में प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा नए पैटर्न से होगी , सरकार का कहना है की परीक्षा मे बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र होगा जिसका उत्तर छात्रों को ओएमआर शीट पर देना होगा इसी के साथ सरकार का कहना कि यही परीक्षा पैटर्न २०२५ से इंटरमिडियेट बोर्ड परीक्षा में लागू किया जाएगा। वही योगी सरकार नए बच्चो के भविष्य के बारे में सोचते हुए ९वी व ११वी के विद्यार्थियों के लिए स्वरोजगार के क्षेत्र में बच्चो को इंटर्नशिप कराएगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष बुधवार को बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा और खेल विभाग की आगामी योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। आगामी पांच वर्ष में सभी ब्लॉकों में हाई स्कूल और इंटर कॉलेज की स्थापना की जाएगी।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रस्तुतीकरण में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी। प्राधिकरण के जरिये पांच वर्ष में विद्यालयों का मूल्यांकन एवं सर्टिफिकेशन भी किया जाएगा। विद्यालयों में विद्यार्थियों को रोजगान्मुख शिक्षा के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, रियल टाइम मानिटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने के लिए स्वीकृति दी है। प्रदेश में यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार योजना बनाने के निर्देश दिए।

संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन होगा

दो वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन किया जाएगा। एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली लागू किया जाएगा। संस्कृत को तकनीकी के माध्यम से रोजगार से जोड़ने के लिए 180 घंटे का सर्टिफिकेट और 360 घंटे का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की ओर से ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।  संस्कृत की पारंपरिक विद्या, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अर्चक और पुरोहित तैयार करने की दिशा में कार्रवाई तेज की जाएगी।

यूपी में ग्रेजुएशन में लागू होगा ग्रेडिंग सिस्टम
प्रदेश के सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों में बीए. बी.कॉम और बीएससी के स्नातक पाठ्यक्रमों में ग्रेडिंग प्रणाली लागू की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी विश्वविद्यालयों में समान व्यवस्था और विद्यार्थियों का एक विश्वविद्यालय या महाविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में अबेकस-यूपी के जरिये स्थानांतरण की व्यवस्था को लागू करने के लिए दस पाइंट ग्रेडिंग व्यवस्था लागू की जाएगी।

उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका.एस.गर्ग ने सभी कुलपतियों को ग्रेडिंग प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए है। ग्रेडिंग व्यवस्था में मुख्य या माइनर विषयों के प्रत्येक लिखित या प्रयोगात्मक परीक्षा के क्रेडिट स्कोर्स निर्धारित है। इन सभी का उत्तीर्ण प्रतिशत वर्तमान में प्रचलित 33 प्रतिशत ही रहेगा।

सह-पाठ्यकरम कोर्स तथा तृतीय वर्ष में लघु शोध में उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक आवश्यक होंगे। चार कौशल विकास कोर्स में भी उत्तीर्णांक 40 प्रतिशत ही निर्धारित किए है। कौशल विकास और रोजगारपरक पाठ्यक्रम में पूर्णांक 100 निर्धारित किए गए हैं। इनमें प्रशिक्षण और प्रयोगात्मक परीक्षा का मूल्यांकन 60 अंकों और लिखित परीक्षा का मूल्यांकन 40 अंकों में से होगा। इसमें भी न्यूनतम उत्तीर्णांक 40 ही रखे गए है।

सभी विषयों के मुख्य, माइनर और सह पाठ्यक्रम में अधिकतम 100 अंक मेंसे प्राप्तांक की गणना 25 अंकों के आतंरिक मूल्यांकन और 75 अंकों की विश्वविद्यालय परीक्षा में प्राप्त अंकों को जोड़कर की जाएगी। विद्यार्थी को लिखित और प्रयोगात्मक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए 75 में से न्यूनतम 25 अंक (33 प्रतिशत) अंक प्राप्त करने होंगे। आंतरिक मूल्यांकन और विश्वविद्यालय परीक्षा में कुल 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने  होंगे।

इसी के सरकार ने शिक्षा के सभी मुद्दों को साथ रखते हुए छात्रों पर पढाई का अनावश्यक जोर ना पड़े इसे लेकर भी बात कही उन्होंने कहा कि किसी भी पाठ्यक्रम या पेपर में आंतरिक मूल्यांकन में कोई उत्तीर्ण प्रतिशत नहीं रहेगा। उन्होंने कहा की किसी भी विद्यार्थी द्वारा विश्वविद्यालय की परीक्षा में 33 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और यदि किसी विद्यार्थी ने आंतरिक मूल्यांकन में शून्य अंक प्राप्त किए हैं तो वह विद्यार्थी पूर्ण तरीके से पास माना जाएगा

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