संकटमोचन मंदिर में संगीत का माहौल बना . अनूठे ध्वनि अनुसंधान ने मंदिर परिसर का कोना-कोना सुरलहरियों से झंकृत कर दिया। युवाओं के साथ ही हर वर्ग के दर्शक भी शिवमणि के सम्मोहन में खुद को बंधने से नहीं रोक पाए। बुधवार को 99वें संकटमोचन संगीत समारोह की प्रथम निशा की शुरुआत मशहूर ड्रमर शिवमणि और यू राजेश के मैंडोलिन की सधी हुई मनमोहक संगत से हुई।
बुधवार को शिवमणि और यू राजेश ने संकटमोचन संगीत समारोह का अविस्मरणीय श्रीगणेश किया। पाश्चात्य शैली का साज ड्रम शास्त्रीय संगीत के प्रवाह में इतने अद्भुत तरीके से ठनका, खनका और झनका कि कानों के रास्ते दिलों की गहराई में उतरता चला गया। इसकी गहराई का अंदाजा तालियों की गड़गड़ाहट, हर-हर महादेव का जयघोष और श्रोताओं का साधक भाव में सुनने से हो रहा था।
शिवमणि के साथ मंच साझा कर रहे यू राजेश ने मैंडोलिन का जादू जगाया। इसमें शास्त्रीय सुरों को पगाया और कानों में घोल दिया। अतिश्योक्ति न होगी कि उनकी हर थाप पर कान लगाए श्रोताओं की ऐसी तन्मयता कि तालियां भी इसमें खलल डालने की हिमाकत न कर सकीं। ड्रम की थाप और श्रोताओं की तालियों की जुगलबंदी तो मन मोह लेने वाली थी।