3 मई से चारधाम यात्रा 2022 का शुरू होने जा रहा है. केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को खुलेंगे. शासन-प्रशासन चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुटा है. इस बीच आज केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ने देहरादून पहुंचकर सीएम आवास पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की है. केदारनाथ धाम की यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बीते दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ पहुंचे थे. इस दौरान सीएम धामी ने सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने काम समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. सीएम धामी ने मजदूरों से उनका हाल-चाल भी जाना. सीएम धामी ने मजदूरों की हौसला अफजाई भी की थी भीमाशंकर लिंग ने सीएम को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर धाम में आने का निमंत्रण दिया . ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के मौके पर पर अगर केदारनाथ जाएंगे तो यात्रा को लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा.
केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज ने शासन की ओर से केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किए जाने को लेकर भारतीय पुरातत्व विभाग को भेजे प्रस्ताव पर घोर आपत्ति दर्ज कराई है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ मंदिर कोई ताजमहल नहीं है, जिसे किसी विशेष व्यक्ति ने बनाया हो. पौराणिक धरोहरों के साथ सरकार छेड़छाड़ कर रही है, जिसका घोर विरोध किया जाएगा. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि कितनी बड़ी विडंबना है कि देवस्थानम बोर्ड की खामियों को लेकर ही सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग किया था और अब राष्ट्रीय धरोहर नाम से नया षड़यंत्र रचा जा रहा है, जिसको किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि केदारनाथ धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किये जाने के पीछे सरकार की मंशा यहां की जमीन व भवनों को हड़पने की है. सदियों से चली आ रही परंपरा को समाप्त करने की है. सरकार का यह भी मकसद है कि मंदिर में पूजा-अर्चना व अन्य कार्यों के जरिये रोजगार करने वाले लोगों को बेरोजगार किया जाए. जो कार्य उत्तराखंड सरकार देवस्थानम बोर्ड लागू करके न कर सकी, उस कार्य को इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर किया जा रहा है.