उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही हो गया था. शुक्रवार 6 मई को बाबा केदार के कपाट भी खुल गए. अब 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे. 8 मई को सुबह सवा 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे. मोक्षधाम बदरीनाथ के कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त अब बस कुछ पल दूर है. जोशीमठ नृसिंह बदरी मंदिर में वैदिक पूजा अनुष्ठान के बाद अराध्य गद्दी, गाडू घड़ा बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल के सानिध्य में बदरीनाथ धाम पहुंच गई है.अलकनंदा नदी के तट पर स्थित बदरीनाथ धाम को मोक्षधाम भी कहा जाता है. भगवान विष्णु के इस धाम को लेकर श्रद्धालुओं में अगाध श्रद्धा है. बदरीनाथ देश के चारधामों में भी शामिल है. रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी और द्वारका के साथ शामिल है. मंदिर समुद्र तल से 10,200 फीट की ऊंचाई पर है. मंदिर के ठीक सामने भव्य नीलकंठ चोटी है. मंदिर जोशीमठ से लगभग 45 किमी दूर है, जो कि एक बेस कैंप भी है.धाम में यात्रियों की संख्या का निर्धारण: चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की संख्या मंदिर समिति द्वारा निर्धारित कर दी गई है. बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए हर दिन 15 हजार श्रद्धालु दर्शन करेंगे. वहीं केदारनाथ के दर्शन के लिए हर दिन 12 हजार यात्री दर्शन करेंगे. इसके अलावा गंगोत्री में 7,000 यात्री 1 दिन में कर दर्शन करेंगे. जबकि एक दिन में यमुनोत्री में चार हजार श्रद्धालु ही दर्शन कर सकेंगे.बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले होने वाला गरुड़ छाड़ मेला का आयोजन गुरुवार को आयोजित किया गया था. बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की. इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान बदरीनाथ को गरुड़ में बैठाकर बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया. बदरीनाथ के कपाट खुलने से पहले हर साल जोशीमठ में गरुड़छाड़ मेले का आयोजन होता है.