मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जन शिकायतों का समाधान न करने पर सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने अधिक शिकायतें लटकाने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई फाइल अनावश्यक नहीं रुकनी चाहिए।
उनके निर्देश पर अब सभी प्रशासनिक सचिव सप्ताह में प्रत्येक सोमवार अपने-अपने महकमों की शिकायतों की समीक्षा करेंगे और लंबित होने पर संबंधित अधिकारी का उत्तरदायित्व तय करेंगे। ये निर्देश मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में सुशासन पर आयोजित बैठक में दिए। मुख्यमंत्री कहा कि शासन-प्रशासन के निचले स्तर तक गुड गर्वनेंस दिखनी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारी अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करें। जिलों व तहसीलों में भी आम जनता से मिलने के लिए समय निर्धारित किया जाएं। गुड गर्वनेंस के संबंध में सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। तहसील दिवसों व बहुउद्देश्यीय शिवरों का रोस्टर तय किया जाए। लोगों की शिकायतों का मौके पर ही निपटारा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में सप्ताह में एक दिन नो मीटिंग डे निर्धारित किया जाए। इस दिन सभी अधिकारी अपने कार्यालय में आगंतुकों से मिलने के लिए उपस्थित रहें। मुख्यमंत्री ने सेवा का अधिकार कानून को और मजबूत करने के निर्देश दिए। इसमें और सेवाएं जोड़ने को कहा। सीएम ने कहा कि गुड गवर्नेंस लोगों को महसूस होनी चाहिए। डीएम इसमें कुशल टीम लीडर की तरह काम करें। साथ ही प्रत्येक स्तर पर प्रभावी और सतत निगरानी की जाए। अपणि सरकार पोर्टल में और अधिक सेवाओं को जोड़ा जाए। उच्च स्तरीय बैठकों में स्पष्ट निर्णय लिए जाएं और उनका क्रियान्वयन टाईम लिमिट में सुनिश्चित किया जाए।