प्रदेश में आंधी तूफ़ान से आम और लीची की फसल को नुक्सान कर दिया। तूफान ने लगभग 20 फीसदी फलों को बर्बाद कर दिया है. उद्यान विभाग तूफान से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है. पहले चेपा रोग और अब आंधी तूफान ने किसानों की आम और लीची की फसल बर्बाद कर दी है. दो से तीन दिन लगातार आई आंधी ने आम और लीची की फसल को बर्बाद कर दिया है. आलम ये है कि अब बगीचे में कुछ ही पेड़ों में आम और लीची की फसल दिख रही है. उद्यान विभाग नुकसान का आकलन में जुट गया है.
तराई में इस बार आम का सीजन होने और पेड़ों में भरपूर बौर आने से किसानों को अच्छे उत्पादन की उम्मीद जगी थी. लेकिन चेपा रोग और फिर समय-समय पर आ रही आंधी तूफान से पेड़ों से आम और लीची के फल गिर गए हैं. इस बार तराई में 4 हजार हेक्टेयर में आम की फसल लगी है. पिछले साल 30 हजार मीट्रिक टन आम की पैदावार हुई थी.आम के साथ ही लीची को भी भारी नुकसान हुआ है. इसके चलते बगीचों को ठेके पर लेने वाले ठेकेदारों के माथे पर बल हैं. वहीं उत्पादन कम होने की वजह से बाजार में आम और लीची के महंगा होने की संभावना है. इधर उद्यान विभाग के अनुसार आंधी तूफान से 20 फीसदी नुकसान हुआ है. ठेकेदारों की मानें तो इस बार कई ठेकेदारों ने नुकसान के डर से ठेका ही छोड़ दिया है.