समय के साथ समाज में सकारात्मक बदलाव भी आ रहे हैं, लेकिन अभी भी जातिवाद का जहर पूरी तरह से धीमा नहीं पड़ा है, उत्तराखंड का चंपावत उपचुनाव के अलावा छूआछूत को लेकर एक बार फिर चर्चाओं में है. दरअसल सूखीढ़ांग इंटर कॉलेज में SC भोजनमाता का बनाया भोजन खाने का सामान्य वर्ग के बच्चों ने बहिष्कार कर दिया. स्कूल प्रबंधन के काफी समझाने पर भी छात्र भोजन गृहण करने को राजी नहीं हुए, जिसके बाद प्रधानाचार्य ने 7वीं और 8 वीं के बच्चों की TC काट दी.
जिसके बाद बच्चों के अभिभावक नाराज हो गए. मामले की जानकारी मिलने पर चंपावत के डीएम नरेन्द्र सिंह भंडारी स्कूल पहुंचे और मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने प्रधानाचार्य, पीटीए और विद्यालय प्रबंधन समिति को शीघ्र इस विवाद को सुलझाने के निर्देश दिए, इस दौरान जिलाधिकारी ने अन्य अधिकारियों के साथ बच्चों के साथ जमीन में बैठकर मध्यान्ह भोजन भी ग्रहण किया.
इस दौरान भंडारी ने छुआछूत को सभ्य समाज पर कलंक करार दिया. उन्होंने अभिभावकों से बच्चों के मन से भेदभाव की भावना को दूर करने की अपील की। गौरतलब है कि करीब 6 महीने पहले भी इसी स्कूल में एससी भोजनमाता की नियुक्ति के बाद सामान्य वर्ग के बच्चों ने भोजनमाता के हाथ से बनाया खाना खाने से इंकार कर दिया था.
प्रशासन और शिक्षा विभाग के प्रयासों से उस समय मामला शांत हो गया था, शीतकालीन अवकाश के बाद 20 अप्रैल से विद्यालय खुलने के बाद माध्यान्ह भोजन बनना शुरू हुआ तो एक बार फिर सवर्ण वर्ग के बच्चों ने एससी भोजन माता के हाथ से बने भोजन को खाने से मना कर दिया.