कुंभनगरी देवप्रयाग में गंगा स्नान व रघुनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के बाद बाबा विश्वनाथ और मां जगदीशिला की 23वीं डोली रथ यात्रा कल कमलेश्वर मंदिर श्रीनगर के लिए रवाना हुई. इससे पहले डोली यात्रा पहली बार नृसिंह मंदिर मुनेठ पहुंची. यात्रा के दर्शन के लिये स्थानीय लोगों और तीर्थ यात्रियों ने भी दर्शन कर आशीर्वाद लिया.
दोपहर गंगा मैया के जयकारे के साथ डोली ने संगम पर स्नान किया. बता दें, यह रथ यात्रा 11 मई को हरिद्वार से मंत्री प्रसाद नैथानी की अगुवाई में निकली थी, जहां विश्व शांति और कल्याण के लिये प्रथना की गई. 23वीं बार आयोजित डोली यात्रा को 13 जिलों स्थित 165 तीर्थ स्थानों पर जाना है, जिससे बाबा विश्वनाथ के एक हजार धाम स्थापना का संकल्प पूरा हो सके. पिछली बार यह डोली 141 तीर्थ स्थानों पर गई थी.
इस मौके पर मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि मानी जाती है लेकिन यहां तीर्थाटन नीति न होने के कारण कई पौराणिक स्थल उपेक्षित हैं. उत्तराखंड की पौराणिक परम्पराओं और संस्कृति को जोड़कर देशभर के लोगों का ध्यान देवभूमि की ओर आकर्षित कर सकते हैं. डोली यात्रा सुबह ऐतिहासिक सूर्य मंदिर पलेठी से शुरू हुई जो हिडोलाखाल, आमणी महड मुनेठ होते हुए देवप्रयाग पहुंची.