केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सेना के तीनों प्रमुखों की मौजूदगी में दिल्ली में अग्निपथ योजना का ऐलान किया था. इस घोषणा के बाद से ही देशभर में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है. उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में भी युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ योजना को ऐतिहासिक फैसला बताया है.
सीएम धामी ने कहा कि सेना की 4 साल की नौकरी के बाद जो 75 फीसदी अग्निवीर रिलीव होंगे उत्तराखंड सरकार उन्हें पुलिस, आपदा प्रबंधन और चारधाम प्रबंधन में तैनात करेगी. सीएम धामी ने कहा कि हम किसी को बेरोजगार नहीं रहने देंगे. हम केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का स्वागत करते हैं. हमारे युवाओं को ये चिंता नहीं करनी चाहिए कि सेना में 4 साल तक नौकरी करने के बाद उनका क्या होगा.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये योजना भारतीय सेना को विश्व की बेहतरीन सेना बनाने की दृष्टि से बेहद ऐतिहासिक फैसला है. इस योजना के जरिए युवाओं के लिए भारतीय सेना के द्वार खुलेंगे. अग्निपथ योजना के माध्यम से भारत की सैन्य ताकत को मजबूती मिलने के साथ ही युवाओं की कौशलता और प्रतिबद्धता में भी खासा सुधार आएगा.
अग्निपथ योजना से अग्निवीर तैयार किए जाएंगे और देश के नौजवान आर्म्ड फोर्सेस में जा सकेंगे. उन्हें नई तकनीक से ट्रेंड किया जाएगा और देश को हाई स्किल्ड आर्म्ड फोर्स मिलेगी. चयनित युवाओं को पहले छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद अगले साढ़े तीन साल वो सेना में तैनात रहेंगे. चार साल पूरे होने पर अग्निवीरों को स्थायी होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने का अवसर मिलेगा.योग्यता व जरूरत पर 25 फीसदी तक रेगुलर कैडर के लिए चयनित होंगे. इस दौरान अग्निवीरों को अच्छी सैलरी भी मिलेगी. सेना में चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए अन्य अवसर दिए जाएंगे. चार साल की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज मिलेगा.
उत्तराखंड सरकार ऐसे अग्निवीरों को पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता से अवसर देगी. अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि के तहत एक करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा. वहीं, यदि कोई अग्निवीर दिव्यांग हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी, इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा.गौर हो कि बीती 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देश की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना का ऐलान किया था, लेकिन घोषणा होते ही ये योजना विवादों में घिर गई है. युवाओं का सबसे बड़ा सवाल केवल चार साल के लिए हो रही भर्ती को लेकर है.