बजट से नाखुश विपक्ष , सरकार पर साधा निशाना

बजट सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और चंदन रामदास विपक्ष के सवालों से घिरते नजर आए। दोनों ही मंत्रियों ने विपक्ष के अनुपूरक सवालों के जवाब दिए, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नजर नहीं आया। विपक्षी सदस्यों का आरोप था कि मंत्री सवालों के जवाब देने के बजाय तर्क-वितर्क करके सदन का समय खराब कर रहे हैं। सीधे जवाब देने के बजाय बातों को घुमाया जा रहा है। सदन गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नियम 310 के तहत चारधाम यात्रा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। इसे पीठ ने भोजनावकाश के बाद नियम 58 में सुने जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान विधायक प्रीतम सिंह के एक अल्प सूचित प्रश्न का वित्त एवं पुनर्गठन मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया, लेकिन विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आया।

विधायक प्रीतम ने जानना चाहा था कि राज्य निर्माण के समय कितनी परिसंपत्तियों का बंटवारा हुआ था, उसके बाद हर पंचवर्षीय योजना में कितनी संपत्तियों का बंटवारा हुआ। जवाब में अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश से परिसंपत्तियों के बंटवारे का वर्ष 2017 के बाद का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के मध्य परिसंपत्तियों के बंटवारे के अधिकांश मामले निपटा लिए गए हैं। शेष मामलों में दोनों राज्यों के मध्य बनी सहमति के अनुसार बंटवारे की कार्यवाही अंतिम चरण में है। इस पर प्रीतम सिंह ने आपत्ति जताई। उन्होंने इस संबंध में पीठ से भी आग्रह किया कि उन्हें उनके सवालों का सही जवाब मंत्री की ओर दिलवाया जाए। इस बीच कई बार नोक-झोंक की स्थिति तक बन गई। आखिर में मंत्री ने पुन: जवाब देकर अपनी बात समाप्त करनी चाही, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नजर नहीं आया।

विपक्ष के सवालों से घिरने की दूसरी बारी समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंदन रामदास की थी। मंत्री एक सवाल के अपने ही दिए जवाब में उलझते नजर आए। विधायक अनुपमा रावत ने पति-पत्नी दोनों को वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता संबंधी सवाल में पूछा था कि क्या मानकों के कारण बड़ी संख्या में महिलाएं वृद्धावस्था पेंशन पाने से वंचित हो रही हैं?

इसके लिखित जवाब में मंत्री ने हां में उत्तर दिया था। तब कि उन्होंने सदन में कहा कि पति-पत्नी दोनों को पेंशन दी जा रही है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने उन्हें जमकर घेरा। हालांकि आखिर में उन्होंने माना कि नए शासनादेश के बाद आय की शर्त जुड़ जाने के कारण बहुत से लोग इस पात्रता से बाहर हो गए हैं।

इसके बाद मंत्री चंदन रामदास परिवहन निगम के राजस्व हानि के विधायक प्रीतम के सवाल पर भी घिरते नजर आए। मंत्री इस सवाल का संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए कि सीएनजी में बदली गई बसों से कितनी आय हो रही है और घाटा कितना है।

प्रदेश में पर्यावरण की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विस्तृत नीति तैयार की जा रही है। बजट सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में औद्योगिक विकास विभाग की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों के संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और अन्य संरचनाओं के विकास के लिए प्रस्ताव भी तैयार है, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट में रखा जाएगा। विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने इस संबंध में जानना चाहा था कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि और पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार की क्या योजना है। इसके जवाब में मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि इसके लिए विस्तृत नीति तैयार की जा रही है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री रामदास ने बताया कि हल्द्वानी में पिछली सरकार में स्वीकृत अंतर राज्यीय बस अड्डे का निर्माण पूरा किया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2018 में पूर्व प्रक्रियाओं को निरस्त कर उत्तराखंड मुक्त विवि हल्द्वानी के निकट वन विभाग की 10 हेक्टेयर भूमि पर आईएसबीटी की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया गया है। वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है। हालांकि वर्तमान में यह प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
विपक्ष का आरोप, पांच साल में इतना कर्ज, जो 17 साल में नहीं हुआ
विधानसभा सत्र के दौरान बजट पर चर्चा में विपक्ष ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कर्ज और देनदारियों का मुद्दा उठाया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीते पांच साल में ही सरकार ने इतना कर्ज कर दिया है, जितना उससे पहले के 17 साल में नहीं लिया गया। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे तो प्रदेश के हालात श्रीलंका जैसे हो जाएंगे।

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