अपराध की दुनिया में कुछ ऐसे कांड हुए हैं जिन्होंने पूरे देश का दिल दहला दिया था. साल 2010 में उत्तराखंड में भी ऐसा ही अपराध हुआ था जो कि deep freezer हत्याकांड के नाम से मशहूर हुआ.
2010 के इस मामले से जुड़ी ताजा खबर ये है कि अपनी ही पत्नी को मौत के घाट उतारने वाले राजेश गुलाटी को हाइकोर्ट ने शॉर्ट टर्म बेल दी है.
दरअसल गुलाटी ने मेडिकल सर्जरी का हवाला देते हुए बेल की अपील की थी, साथ ही उसने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जेल में अपने अच्छे बर्ताव का हवाला भी दिया.
गुलाटी ने कहा कि जेल में अच्छे आचरण के लिए उसे जेल प्रशासन की तरफ से सर्टिफिकेट दिया गया है. ऐसे में वह जमानत नियमों का उल्लंघन नहीं करेगा.
मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने आरोपी को इलाज के लिए 45 दिन की शॉर्ट टर्म बेल दी है. मामले में अब अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी.
पत्नी के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीज़र में डाला
राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की 17 अक्टूबर 2010 को निर्मम हत्या कर दी थी. उसने शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में डाल दिए थे.
12 दिसंबर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून आया तो हत्या का खुलासा हुआ. इसके बाद 1 सितंबर 2017 को देहरादून कोर्ट ने राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उस पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
जिसमें से 70 हजार रुपये राजकीय कोष में जमा करने और शेष राशि उसके बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के लिए कहा गया था. कोर्ट ने इस घटना को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना था. राजेश गुलाटी ने 1999 में अनुपमा से लव मैरिज की थी.