ग्रेड पे मामले में एक बार फिर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने सरकार और पुलिस विभाग को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के एक साल बाद भी सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे का लाभ नहीं मिला।
बता दें कि पुरानी व्यवस्था के तहत अब 2002 बैच के सिपाही भी इसके हकदार माने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक उनसे एक साल पहले वालों को ही 4600 ग्रेड पे नहीं मिला है।
बताया जा रहा है कि सिपाहियों के 4600 ग्रेड पे पर सरकार इसलिए फैसला नहीं ले पा रही है कि उस पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। क्योंकि, अगर पुलिस विभाग में यह व्यवस्था हुई तो अन्य विभागों से भी आवाज उठनी शुरू हो जाएगी।
ऐसे में सरकार इस मामले में हाथ खींचती नजर आ रही है। माना जा रहा था कि दो लाख एकमुश्त भुगतान से पुलिसकर्मी संतुष्ट हो जाएंगे, लेकिन सरकार की यह तरकीब भी काम नहीं आई।
ग्रेड पे की मांग जब पूरी नहीं हुई तो पुलिस के सिपाहियों के इस्तीफे भी वायरल हुए थे। हालांकि, इन्हें स्वीकार नहीं किया गया था। कुछ सिपाहियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी।
इस वर्ष की शुरुआत में तकरीबन 18 से 20 सिपाहियों के इस्तीफे देने की बात सामने आई थी। पुलिस विभाग में इस बात को लेकर हड़कंप मच गया था। इसके बाद समझाने का दौर शुरू हुआ था। आश्वासन के बाद पुलिसकर्मी शांत हो गए थे।
पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे को लेकर आंदोलन की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हुई थी। इसके बाद कई चरणों में आंदोलन किए गए।
कभी सचिवालय कूच किया गया तो कभी सोशल मीडिया पर काले मास्क पहने फोटो शेयर किए गए। इसके बाद परिजनों ने पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री आवास कूच किया था। देर रात तक वहां बैठे परिजन पुलिस के मुखिया के समझाने के बाद ही वहां से उठे थे।