राष्ट्रकवि की जयंती पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के हिन्दी विभाग तथा संत कबीर अकादमी लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 03-04 अगस्त, 2022 को ‘कबीर के राम, मैथिलीशरण गुप्त के राम’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी.
जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त जयंती पर 3/8/2022 को साहित्य में उनके योगदान के लिए देश के प्रतिष्ठित साहित्य सम्मान राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त साहित्य सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया.
ये पुरस्कार प्रतिवर्ष बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की ओर से साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले साहित्यकारों को प्रदान किया जाता है.
मैथिली शरण गुप्त जी की जयंती पर डॉ. निशंक ने राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त के हिंदी साहित्य में योगदान को याद किया. साथ ही उन्होंने साहित्य सम्मान हेतु विश्वविद्याय का आभार प्रकट किया.
उन्होंने कहा कि मैं अत्यंत विनम्रता से आपके द्वारा दिए गए “राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त साहित्य सम्मान” को ग्रहण करता हूं। मैं हृदय की गहराई से आप सबका आभार करता हूँ कि आप सब विद्वत जनों ने मेरे साहित्य क़ो सम्मान दिया।
मेरी सदैव यह कोशिश रही है कि मैं साहित्य के माध्यम से युवाओं से संवाद करू। उन्हें भारतीय संस्कृति के विषय में बताऊँ ।
मुझे महसूस होता है कि लेखन मेरे जीवन में अपने विचारो और भावनाओ को सही तरीके से व्यक्त करने का मौका प्रदान करती है। लेखन से मुझे संतुष्टि का आभास होता है और इसी संतुष्टि को दूसरों के जीवन में खुश रहने का मौका देता है।
इस अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति तथा मैथिलीशरण गुप्त के पौत्र वैभव गुप्त जी एवं देशभर से आए वरिष्ठ साहित्यकार गण एवं वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति गण भी उपस्थित रहे ।