उत्तराखंड के सरकारी स्कूल खस्ताहाल हैं, सरकारी शिक्षा, छात्र केंद्रित ने होकर शिक्षक केंद्रित होकर रह गयी है. लिहाज़ा शिक्षा व्यवस्था को दुरस्त करने की नीयत से सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है.
गोवा और गुजरात की तर्ज पर ‘विद्या समीक्षा केन्द्र’ खोलने जा रही है, इसके लिए एक बड़ी आईटी कंपनी कॉन्वेजीनियस से अनुबंध किया गया है.
कंपनी एक महीने के भीतर काम शुरु कर देगी और अगले 6 महीनों में शिक्षा महानिदेशालय में समीक्षा केंद्र की स्थापना का काम पूरा हो जाएगा.
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की माने तो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक विश्वसनीय और रोजगारपरक बनाने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र महत्वपूर्ण साबित होगा.
बकौल शिक्षा मंत्री केंद्र की स्थापना के बाद प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में शैक्षणिक, प्रशासनिक सुधार तो आएगा ही साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकेगा.
समीक्षा केंद्र के माध्यम से विभाग का सम्पूर्ण डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा. जिसके तहत विद्यालयों का विवरण, शिक्षकों का विषयवार डाटा, छात्र-छात्राओं का विवरण के साथ ही प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का डाटा मौजूद रहेगा.
इसके अलावा शासन एवं महानिदेशालय स्तर के अधिकारी विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से किसी भी विद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण के साथ ही वहां की सम्पूर्ण गतिविधियों पर भी नजर रख सकेंगे.
गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात में देशभर के शिक्षामंत्रियों का सम्मेलन हुआ था जिसमें धन सिंह रावत समेत विभागीय अफसरों ने भाग लिया था. सम्मेलन में उन्होंने विद्या समीक्षा केंद्र की कार्यप्रणाली को समझा.
जिसके बाद उत्तराखंड में भी समीक्षा केन्द्र स्थापित करने पर फैसला किया गया. धन सिंह रावत ने समीक्षा केन्द्र का बजट जारी करने के लिए नरेंद्र मोदी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का आभार व्यक्त किया.