अवैध नशे के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. उत्तराखंड में पुलिस ने 2025 तक ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड बनाने का लक्ष्य रखा है. इस कैंपन का नाम Drugs Free Devbhoomi by 2025 रखा गया है. इसी को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया था, जिसको लेकर डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यशाल का आयोजन किया.
कार्यशाल में डीजीपी अशोक कुमार ने साफ किया कि 2025 तक उत्तराखंड को हर हाल में अवैध नशे से मुक्त करना है. यदि कोई थाना प्रभारी इस तरह के मामलों में लापरवाही बरता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिस इलाके में भी अवैध नशा का काला कारोबार देखा जाएगा उस थाना प्रभारी की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
अवैध नशे से होने वाली काली कमाई पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत होती है. डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ड्रग्स हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है. किसी भी परिवार का बच्चा यदि नशे के जाल में फंस जाता है तो उस परिवार के जीवन भर की कमाई और इज्जत बर्बाद हो जाती है. नशे की गर्द में अच्छे-अच्छे परिवार बर्बाद हो जाते हैं.डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स को समूल तरह से नष्ट करना हमारी जिम्मेदारी है. ड्रग्स का काला कारोबार पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत है. इस नाते पुलिस की ड्यूटी इसके खिलाफ इंफोर्समेंट को बढ़ाने के लिए और अधिक जाती है.
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जनपद स्तर और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स किसी भी थाने क्षेत्र में जाकर कार्रवाई करेगी तो संबंधित थाना प्रभारी की जवाबदेही भी तय की जाएगी. देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने के लिए Enforcement, Awareness और Rehab जैसे तीनों विषयों लेकर आगे बढ़ना है.