IIT Roorkee: हॉस्टल में नॉन वेज बनाये जाने पर छात्रों में गुस्सा, नहीं खाया खाना

आईआईटी रुड़की में एक हॉस्टल की मेस में सप्ताह में दो दिन नॉनवेज भोजन शुरू किए जाने के विरोध में हॉस्टल के छात्रों ने दो दिन मेस के बाहर बैठकर विरोध किया। वहां खाना भी नहीं खाया। संस्थान की 12 में से एकमात्र आजाद भवन हॉस्टल की मेस में ही अभी तक नॉनवेज नहीं बनाया जा रहा था।

करीब 50 छात्रों ने डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर आईआईटी रुड़की को शिकायत है। संस्थान प्रबंधन का कहना है कि सभी छात्रों को दोनों तरह का खाना खाने की छूट होनी चाहिए और छात्रों को समझा दिया गया है। गौरतलब है कि आईआईटी रुड़की में 2015 तक सभी मेस में वेज खाना ही परोसा जाता था। लेकिन संस्थान में विभिन्न प्रदेशों के पढ़ने वाले छात्र वेज और नॉनवेज दोनों तरह का खाना खाने वाले पढ़ाई करते हैं।

इसी तरह फैकल्टी भी दोनों तरह का खाना खाती है। ऐसे में संस्थान की मेस में नॉनवेज खाना बनाने की मांग भी उठती रही है। जिसके चलते संस्थान के हॉस्टलों में नॉनवेज बनाना शुरू कर दिया गया। लेकिन उस दौरान भी छात्राओं ने नॉनवेज खाने का विरोध शुरू कर दिया था। तब आजाद भवन हॉस्टल की मेस को केवल वेज खाने के लिए आरक्षित कर दिया गया। तब से इस मैस में वेज खाना ही बन रहा था।

बता दें कि इस आजाद भवन में बीटेक के छात्र नहीं रहते हैं बल्कि पीएचडी, एमटेक और एमबीए के छात्र ही रहते हैं। जिसके चलते वेज खाने वाले परास्नातक के छात्र दूसरे हॉस्टल बदलकर आजाद भवन में रहते हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि संस्थान ने इस एकमात्र आजाद भवन की मेस में भी सप्ताह में दो दिन रविवार और बुधवार को नॉनवेज बनाना शुरू कर दिया।

बीते रविवार को नॉनवेज बना तो इसकी जानकारी मिलने पर छात्रों ने हलका विरोध शुरू कर दिया। जब पता चला कि बुधवार को भी मेस में नॉनवेज बनेगा तो छात्र विगत मंगलवार और बुधवार को मेस के गेट के बाहर खाली थाली लेकर धरना देकर बैठ गए और खाना नहीं खाया।

बृहस्पतिवार को छात्रों ने डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर को लिखित में शिकायत देकर नॉनवेज खाना परोसे जाने का विरोध जताया है। कई छात्रों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उन्होंने दो दिन तक भूख हड़ताल रखी और बृहस्पतिवार को इसकी शिकायत भी की है।

पूर्व जिस समय संस्थान की मेस में नॉनवेज शुरू किया गया था। उस समय छात्रों ने यह मांग भी उठाई थी कि यदि नॉनवेज शुरू ही करना है तो इसे कुछ मेस में अलग से शुरू किया जाए। ताकि जिसे नॉनवेज खाना हो तो वे उन्हीं मेस में जा सके, जो नॉनवेज के लिए आरक्षित की गई हो। लेकिन तब संस्थान ने एक मेस को छोड़कर अन्य सभी मेस में दोनों प्रकार के खाने की व्यवस्था शुरू कर दी थी।

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