उत्तराखंड में कांग्रेस से बड़े नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है. 25 सालों तक कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे और पौड़ी जिले की द्वारीखाल ब्लॉक प्रमुख महेन्द्र राणा ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया.
राणा के कांग्रेस छोड़ने के कयास पहले से ही लगाये जा रहे थे. उन्होंने औपचारिक रुप से आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
बताया जा रहा है कि राणा ने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन संगठन ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
महेंद्र राणा ने पत्र में आगे लिखा है कि मौजूदा समय में उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस संगठन में जिस प्रकार गुटबाजी चल रही है और पुराने कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा की जा रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी संगठन में निष्ठावान एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं की बजाय चाटुकारिता और भाई-भतीजावाद को तरजीह दी जा रही है. जिससे उनके जैसे निष्ठावान कार्यकर्ता आहत हैं.
कांग्रेस में लंबी संगठनात्मक सेवा के उपरान्त अपनी घोर उपेक्षा और संगठन में चल रही गुटबाजी से आहत होकर वे कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहे हैं.
गौरतलब है कि बीते रविवार को पौड़ी पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के आगामन पर भी महेंद्र राणा के शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे.
यही नहीं राणा इस दौरान पौड़ी के सर्किट हाउस में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम में पहुंचे भी थे. लेकिन सोशल मीडिया में राणा के कांग्रेस छोड़ने की अटकलों के बाद उन्होंने शामिल होने से इंकार कर दिया था.