उद्यान विभाग और RTI एक्टिवस्ट दीपक करगेती के बीच का विवाद FIR और आमरण अनशन तक जा पहुंचा है, उद्यान विभाग की महिला अफसर की तरफ से अभद्रता का मुकदमा दर्ज करवाए जाने के बाद दीपक करगेती आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.
दीपक ने FIR को झूठा करार दिया , उनका कहना है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाने कारण उनके खिलाफ साजिशन ये कार्रवाई की जा रही है.
RTI एक्टिवस्ट ने कहा कि उन्होंने उद्यान विभाग से RTI लगाई थी जिसके आधार पर उन्होंने तमाम सबूतों के साथ सरकार से मामले में जांच की अपील की थी, लेकिन मामले में जांच के आदेश नहीं हुए.
वहीं RTI में मांगी गई सूचनाएं स्पष्ट का हवाला देते हुए उन्होंने दोबारा विभाग से सूचना मांगी थी, जिसके बाद अपीलीय अधिकारी ने बीते रोज उन्हें कैम्प कार्यालय में आकर सूचनाएं प्राप्त करने को कहा.
बकौल दीपक करगेती कैम्प कार्यालय में उन्होंने छुपाई गयी सूचनाओं को बिंदुवार रखा, इस दौरान महिला कर्मी ने सूचनाएं छुपाने की नियत से अपना व्यवहार आक्रामक रखा.
करगेती का कहना है कि इस बीच तमाम अफसरों की मौजूदगी में उन्होंने सूचनाएं उपलब्ध न करवाने की सूरत में व्यय की गई राशि की वापसी की मांग की. दीपक का आरोप है कि आक्रामक हुई महिलाकर्मी उनसे इस तरह की सूचनाओं की मांग न करने की बात कही, साथ ही आक्रामक होते हुए खड़े होकर बात करने को कहा.
दीपक करगेती ने कहा कि इसके बाद वे पूर्व में न दी गयी सूचनाओं को लिखित में देने का आग्रह कर वापस चले गए. दीपक का कहना है कि अब FIR के बहाने उनपर झूठा मुकदमा कर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.