उत्तराखंड जहां एक तरफ UKSSSC की समूह ग भर्तियों में पेपर लीक होने के कारण बेरोजगार युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है तो वहीं नेताओं के करीबियों को विधानसभा सचिवालय में नौकरियों की रेवडी बांटे जाने से युवाओं में आक्रोश है.
इसे देखते हुए भाजपा सरकार पर लगातार दबाव बनताा जा रहा है, लिहाज़ा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब मामले की जांच के लिए विधानसभाध्यक्ष ऋतु खंडूडी को चिठ्ठी लिखी है.
उन्होंने स्पीकर को लिखी चिठ्ठी में मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने के साथ ही किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर नियुक्तियां रद्द करने की मांग की.
मुख्यमंत्री विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने पर जोर दिया.
72 लोगों की नियुक्ति:
विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं.
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के PRO की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. मदन कौशिक के एक PRO आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.
इन पदों पर हुई बैकडोर भर्तियां:
अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला.