पत्नी हत्याकांड: बेटे की छुपाई थी सच्चाई , इसलिए उतार दिया पत्नी को मौत के घाट

बीते रोज देहरादून की डालनवाला पुलिस ने एक बुजुर्ग को अपनी पत्नि की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया.  पुलिस के मुताबिक सोमवार देर रात साढ़े ग्यारह बजे एक बुजुर्ग महिला को बैट से सिर पर वार कर मौत के घाट उतार दिया.

गिरफ्तारी के बाद पुलिस का कहना था कि गृहक्लेश और खाना बनाने में हुई देरी को लेकर आरोपी ने महिला पर वार किया.

लेकिन अब कहानी में नया मोड़ आ गया है, विस्तृत पूछताछ के बाद पुलिस का कहना है कि मृतक ऊषा ने राम सिंह से अपने बेटे का राज छुपाया था, दोनों की शादी के करीब सात महीने बाद जब राम सिंह को पता चला कि ऊषा का अपना खुद का बेटा भी है और वह बदमाश करन शिवपुरी है तो वह उससे नफरत करने लगा.

शिवपुरी के खिलाफ 40 मुकदमे दर्ज हैं,  इस पर  ऊषा उसे संपत्ति का हकदार भी बताने लगी. इसके चलते दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया.

राम सिंह ने ऊषा से 2019 में शादी की थी, इसके कुछ समय बाद ऊषा ने राम सिंह से कहा कि उसके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है, लिहाजा उसे कुछ रुपये चाहिए.

राम सिंह ने ऊषा को रुपये दे दिए, ये सिलसिला काफी दिनों तक चला, एक दिन राम सिंह के सामने सच आ गया.

पता चला कि जिस बेटे की चोट की बात ऊषा कह रही है वो तो जेल में है, ऊषा उसकी चोट के इलाज के लिए नहीं बल्कि उसकी जमानत की पैरवी को पैसे लेकर जाती है. उस वक्त करन शिवपुरी प्रेमनगर में सराफ के यहां हुई लूट के मामले में गोवा से पकड़ा गया था.
राम सिंह ने ऊषा को अपने बेटे से रिश्ता तोड़ने को कहा, लेकिन ऊषा ने राम सिंह की बात मानने के बजाय अपने बेटे के लिए संपत्ति में हिस्सा मांगने लगी.
करन शिवपुरी वर्तमान में भी सुद्धोवाला जेल में बंद है, वह हमेशा अकेले ही सारी घटनाओं को अंजाम देता था, साल 2017 में उसने दिल्ली में एक ही दिन में सात चेन लूट की घटनाओं को अंजाम दिया था.
उसे पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने बाइकर्स का एक ग्रुप भी उसके पीछे लगाया था, लेकिन , करन शिवपुरी हर बार उत्तराखंड पुलिस के ही हत्थे चढ़ा.
वह एक बार 2018 में और फिर 2020 में प्रेमनगर में लूट के मामले में गोवा से भी देहरादून पुलिस के ही हत्थे चढ़ा.

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