कनॉट प्लेस की ऐतिहासिक जर्जर बिल्डिंग को ध्वस्त करने की तैयारी पूरी, दुकानदारों और निवासियों को आखिरी नोटिस जारी

दून नगरी के कनॉट प्लेस स्थित बाजार के जर्जर हुए ऐतिहासिक भवनों को ध्वस्त करने की तैयारी पूरी हो चुकी है. संभवत 14 सितंबर या 21 सितंबर 2022 के दिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश मुताबिक इस गिरासू बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया जाएगा. वर्तमान समय में भवन स्वामी एलआईसी संस्थान द्वारा कोर्ट के आदेश लाने के उपरांत पुलिस सिक्योरिटी की फीस जमा कर दी गई है.

गिरासू भवनों के ध्वस्तीकरण के समय यहां काबिज लोगों द्वारा किसी तरह की कोई लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न बिगड़े, इसको देखते हुए देहरादून पुलिस प्रशासन ने भी 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की टीम को तैयार कर ली है. एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने कहा कि कार्रवाई का विरोध करने और अड़चन डालने वाले लोगों के खिलाफ कोर्ट आदेश की अवहेलना के तहत कार्रवाई होगी.देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय की ओर से एलआईसी की बिल्डिंग खाली करने के आदेश जारी किए गए हैं. बिल्डिंग जर्जर हालत में होने से लंबे वक्त से गिरासू भवन की स्थिति में है. जो कभी भी गिर सकती है. इन भवनों में बनी दुकानें और बिल्डिंग निवास करने वाले अधिकांश लोगों के कब्जे से खाली करा दी गयी हैं. हालांकि अभी भी कुछ लोग बिल्डिंग की दुकानों पर काबिज हैं. उनको अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया है.

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने कहा कि इसके बावजूद भी यदि कोई दुकानदार या अन्य कोई व्यक्ति सरकारी कार्य में बाधा डालकर कानून व्यवस्था खराब करने की स्थिति पैदा करेगा, तो माना जाएगा कि वह कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहा है. ऐसी सूरत में कार्रवाई के दौरान बाधा डालने वाले लोगों के वीडियो बनाकर तत्काल सुप्रीम कोर्ट को भेजे जाएंगे.

मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में होगा ध्वस्तीकरण करण का कार्य: एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि जो दुकानदार बिल्डिंग में काबिज हैं, उन्हें आगाह किया गया है कि वह दुकान खाली कर दें. संभवत: 21 सितंबर को बिल्डिंग को खाली कराकर ध्वस्तीकरण का कार्य शुरू होगा. यदि इस बीच किसी दुकानदार ने विरोध किया तो इसकी वीडियोग्राफी तैयार कर सक्षम न्यायालय को भेजी जाएगी. बिल्डिंग खाली करवाने और ध्वस्तीकरण कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है. मजिस्ट्रेट के आदेश पर 50 से अधिक पुलिस जवान सुरक्षा व्यवस्था में लगाए जाएंगे. यदि जरूरत पड़ी तो आवश्यकतानसार और फोर्स बढ़ाई जाएगी.

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